सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के प्रोजेक्ट में घर खरीदने वालों के हितों की रक्षा के लिए आम्रपाली ग्रुप की अभी अचल संपत्ति को भी जब्त करने का आदेषश दिया हैं। इसके साथ ही ने आम्रपाली ग्रुप की 40 कंपनियों के खाते सीज कर दिए हैं। इसके साथ ही कंपनी के सभी डायरेक्टर्स के खाते भी सीज करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश को अमल में लाने के लिए आम्रपाली ग्रुप के चैयरमैन अनिल शर्मा को दिया आदेश कि वो ग्रुप के सभी डायरेक्टर्स के पैन कार्ड और बैंक डिटेल गुरुवार तक उपलब्ध कराएं। इस मामले की गुरुवार को फिर होगी सुनवाई।
आज की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहेंजे में कहा कि आम्रपाली ग्रुप ने उसे बार बार गुमराह किया है और उसके आदेशों का पालन नहीं किया। अदालत ने कहा, ‘हमारे धैर्य की परीक्षा न लीजिए’ और इसके साथ ही कंपनी और उसके सभी डायरेक्टर्स के खातों को सीज करने का आदेश दे दिया। साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव और एनबीसीसी के अध्यक्ष को समन भेजा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि अगली सुनवाई में वो खुद अदालत में हाजिर हों और बताएं की आम्रपाली के प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने के लिए वो क्या कदम उठा रहे हैं।
गौरतलब हो, इस साल 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि आम्रपाली ग्रुप ने एक प्रोजेक्ट से पैसा लेकर दूसरे प्रोजेक्ट में लगाया हैं। इसके बाद कोर्ट ने आम्रपाली को आदेश दिया कि वो 250 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा करे। ऐसा नहीं करने पर कोर्ट ने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स में लोग रह रहे हैं, वहां बेसिक सुविधाएं पूरी करें। लेकिन आम्रपाली ग्रुप ने इन दोनों में से कुछ भी नहीं किया।
नोएडा में होम प्रोजेक्ट्स में सैकड़ों लोगों ने वर्षों से बुकिंग करा रखी है, लेकिन उन्हें अपना मकान नहीं मिला। अब कहा जा रहा है कि कोर्ट आम्रपाली के इन प्रोजेक्ट्स को एनबीसीसी को सौंप सकता है, ताकि वो इन्हें पूरा करके होम बायर्स को अपना मकान सौंप सके। यदि ऐसा होता है तो होम बायर्स के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर होगी।