समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिस आगरा लखनऊ ऐक्सप्रेस को अपने कार्यकाल का सबसे सफल प्रोजेक्ट बताते थे उसके ऐक्सप्रेस के गुणवत्ता की आज पोल खुल गई। उत्तर प्रदेश में पिछले 10 दिनों से लगातार हो रही बारिश से बुधवार को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की सर्विस लेन 50 फीट धंस गई। इसकी चपेट में एक कार आ गई। इस हादसे में कार में सवार चार लोग बाल-बाल बच गए। यह घटना थाना डौकी क्षेत्र के वाजिद पुर पुलिया के पास हुई है।
एक्सप्रेस-वे पर उतरा था फाइटर प्लेन
आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था। इस एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के दौरान यहां फाइटर प्लेन को उतारा गया था। देश का सबसे लंबा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे हैं। प्रदेश में हो रही लगातार बारिश के कारण एक्सप्रेस-वे के किनारों से मिट्टी जगह जगह धंस गई है। इसके साथ ही एक्सप्रेसवे कई जगह से चटक गया है। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 21 नवंबर 2016 को 302 किमी लंबे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का शुभारंभ किया था। बीजेपी द्वारा इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ साथ जमीन अधिग्रहण में मामले में भ्रष्टाचार के आरोप तत्कालीन सरकार पर लगाती रहती हैं। इस बीच बारिश ने बाद जिस तरह से यह धस गई उससे इसके निर्माण कार्य की गुणवत्ता जरूर उजागर कर दी है।
करोंड़ो का बना वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी हुआ बर्बाद
26 जुलाई को हुई मूसलाधार बारिश में ऐक्सप्रेस वें के अधिकांश जगहों पर मिट्टी पानी के साथ बह गई है। बड़े-बड़े पत्थर भी अपनी जगह छोड़ गए। इसके चलते एक्सप्रेस वे के किनारें चटक गए। एक्सप्रेसवे के लिए 12 फुट तक मिट्टी का प्लेटफार्म तैयार किया गया है। मिट्टी की रोक के मानकों के अनुरूप इंतजाम न किए जाने के कारण यह मिट्टी ढह गई है। इतना ही नहीं, बारिश के पानी का संचयन करने के लिए ऐक्सप्रेस वे करोड़ों की लागत से बनाया गया वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी बर्बाद हो गया है। इसके साथ ही एक्सप्रेसवे में लगभग 15 किमी के क्षेत्र में कंकरीट की नाली क्षतिग्रस्त हो गई है। कई जगह तो यह ढह गई है। मानकों के अनुरूप निर्माण न होने के कारण वाटर टैंकों में भी पानी के जगह मिट्टी भरी हुई है। कई टैंकों के स्लैब तक टूट गए हैं।