दिल्ली के मैदानगढ़ी इलाके में एक फ्लैट में मानव तस्करी का पर्दाफाश हुआ हैं। इस फ्लैट से 19 लड़कियों को छुड़ाया गया है। इनमें 16 लड़कियां नेपाल से जबकि 3 जलपाईगुड़ी से हैं। साथ ही इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। ये कार्रवाई बनारस पुलिस की क्राइम ब्रांच की सूचना पर बनारस पुलिस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक साथ की थी। इन तमाम लड़कियों को बंगाल और नेपाल से दिल्ली लाकर अरब देशों में नौकरी का झांसा देकर अवैध तरीके से भेजा जाना था।
आरोपियों के पास थे 68 पासपोर्ट
पुलिस ने जिन 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं उनके पास से कुल 68 पासपोर्ट बरामद किए गए हैं जिसमें 7 भारतीय पासपोर्ट हैं। बाकी सभी पासपोर्ट नेपाल के हैं। ये गिरोह करीब 2 साल से दिल्ली, यूपी, हैदराबाद और जयपुर में सक्रिय है और अब तक करीब 1 हजार से ज्यादा लड़कियों को गैर कानूनी तरीके से अरब देशों जैसे ओमान, कुवैत दुबई और कई दूसरे देशों में भेज चुका है। आरोपी दलालों की पहचान हिसार निवासी पवन खुराना, काठमांडू निवासी शाहवीन शाह और गाजीपुर निवासी राजेन्द्र उर्फ राजन के रूप में हुई है।
बनारस में दर्ज हुआ था केस
वहीं इन लड़कियों को फ्लैट के अलग अलग कमरों में शिफ्ट के हिसाब रखा जाता था। जैसे ही लड़कियों का एक ग्रुप गया, दूसरा आ जाता था। इस पूरे मामले पर पर पुलिस ने बताया कि बनारस के शिवपुर थाने में कुछ महीने पहले मानव तस्करी और देह व्यपार अधिनियम के एक केस दर्ज हुआ था। इस केस में जो आरोपी थे उनकी लोकेशन दिल्ली मिली, जिसके बाद ये कार्रवाई हुई। पुलिस के मुताबिक इस इस रैकेट में कुछ और लोग भी शामिल हैं।
गरीब परिवार को बनाते थे निशाना
मिली जानकारी के अनुसार रैकेट से जुड़े लोग नेपाल और जलपाईगुड़ी में अपने टारगेट को तलाशते थे, खासकर उन परिवारों की लड़कियां जो काफी गरीब घर से आती हैं। फिर उन्हें विदेश में अच्छी नौकरी का झांसा देकर पहले उनका पासपोर्ट बनवाया जाता है। फिर दिल्ली हैदराबाद, जयपुर, यूपी के एयरपोर्ट से अरब देशों में भेजा जाता था।