फौजी सिर्फ सरहदों की ही रक्षा नहीं करते बल्कि समाज की बेहतरी की चिंता भी उनके जेहन में रहती है। 34 साल देश की सेवा के बाद सूबेदार मेजर भग्गुराम मौर्य बीते साल दिसम्बर में रिटायर्ड होने के बाद वाराणसी शहर से 20 किमी. दूर अपने गांव रामेश्वर आए। घर जाने के लिए वह ऐसे रास्ते से गुजरे, जिस पर साइकल चलाना भी मुश्किल था।
उन्होंने यह देख कर अपने पीएफ की मिली राशि से गांव की सड़क बनाकर मिसाल पेश कर दी । उन्होनें 10 फीट चौड़ी और डेढ़ किमी लंबी सड़क बनाई और इस सड़क ने कई बस्तियों को ‘विकास पथ‘ से जोड़ दिया है।
ऐसे फौजी को हमारा दिल से सलाम है।