झारखंड की राजधानी में रांची में बिहार के एक परिवार के ही सात लोगों ने आत्महत्या कर ली। कांके प्रखंड के बोड़ेया के अरसंडे स्थित कोल्ड स्टोरेज के पास हुई इस दर्दनाक घटना से पूरी राजधानी स्तब्ध है। बिहार के जिस परिवार ने आत्महत्या कि हैं उसमें दो बच्चे भी शामिल हैं, इनमें एक बच्ची की उम्र 4-5 साल हैं, जबकि बेटे की उम्र एक साल से कुछ ज्यादा है। मृतकों की पहचान सच्चिदानंद झा, उनके पुत्र दीपक झा, रुपेश झा, दीपक की पत्नी सोनी देवी और दो बच्चों दृष्टि और जंगू के रूप में हुई है। जो जानकारी मिल रही हैं उसके मुताबिक पांच लोगों को जहर दिया गया, जबकि दो लोगों ने फांसी लगा कर अपनी जान दी हैं। वहीं पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है।
पुलिस को मिला सुसाइडल नोट
एसएसपी श्री गुप्ता ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या यह आत्महत्या का मामला दिख रहा है। फॉरेंसिक साइंस की टीम के आने के बाद पता चलेगा कि इनकी मौत कैसे हुई। हालांकि, एक व्यक्ति का शव फांसी के फंदे से लटका मिला। बाकी लोग बिस्तर पर पड़े थे। पुलिस को घर से सुसाइडल नोट भी मिला हैं, जिससे बाद में यह स्पष्ट हो गया कि परिवार के सभी लोगों ने आत्महत्या ही की है। मकान मालिक ने बताया कि भागलपुर के रहने वाले दीपक झा का परिवार कर्ज में डूबा था। करीब छह महीने से मकान का किराया भी नहीं दिया था। दीपक परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था।
परिवार पर था कर्ज
जो खबरे सामने आ रही हैं उसके अनुसार दीपक के बेटे अंगू के इलाज पर 20 लाख रुपये खर्च हो गये थे। दीपक का इलाज रानी चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल में चल रहा था। बेटा भी ठीक नहीं हुआ और कर्ज भी बढ़ गया। इससे निराश होकर दीपक झा ने सामूहिक आत्महत्या की योजना बनायी। हालांकि इस के बारे में अभी तक कोई पुष्टी नहीं हुई हैं कि आखिरकार पारिवार के आत्महत्या की सच क्या हैं।
मकान मालिक को पहले ही बताया था आत्महत्या का प्लान
दीपक जिस मकान में रहता था उस मकान के मालिक अलघ मिश्र ने बताया कि दीपक कोई फैक्ट्री लगाना चाहता था। दीपक ने उनसे भी कुछ कर्ज ले रखा था। उसके पिता रेलवे से रिटायर हुए थे। उन्होंने बताया कि दीपक और उसका परिवार कर्ज में डूबा था। पूरा परिवार चिंतित रहता था। अलघ मिश्र ने कहा कि पिछले दिनों सच्चिदानंद झा ने उनसे कर्ज के बारे में चर्चा की थी तब उन्होंने अलघ से कहा था कि यदि पैसों का इंतजाम नहीं हो पाया, तो वे लोग सामूहिक रूप से आत्महत्या कर लेंगे।
ऐसे हुआ मौत का खुलासा
परिवार की मौत का खुलासा तब हुआ जब दीपक की बेटी को स्कूल ले जाने के लिए वैन वाला आया। जब स्कूल वैन के चालक ने हॉर्न बजाया, तो कमरे से कोई बाहर नहीं आया। इस पर मकान मालिक के घर का बच्चा उसे बुलाने के लिए चला गया। उसने जो देखा, उसके बारे में परिवार के लोगों को बताया। जिसके बाद लोगों ने तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही कांके के थाना प्रभारी दल-बल के साथ वहां पहुंच गये।