आज सावन का पहला सोमवार है, देशभर के शिव मंदिरों में आज श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहेगी कोई भगवान शिव का जलाभिषेक करेगा तो कोई उन्हें बेलपत्थर चढ़ा कर प्रसन्न करेगा। श्रावण मास होता ही है केवल भक्त और भक्ति का मास, पर इसमें सोमवार का विशेष महत्व है। सोमवार का दिन चन्द्र ग्रह का दिन होता है और चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं। अतः इसदिन पूजा करने से न केवल चन्द्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है, कोई भी व्यक्ति हो और कोई भी समस्या भोले की कृपा से सारे दोष नष्ट हो जाएंगे।
क्या है सावन के सोमवार के व्रत का महत्व?
- भगवान शिव की पूजा के लिए और ख़ास तौर से वैवाहिक जीवन के लिए सोमवार की पूजा की जाती है
- अगर कुंडली में विवाह का योग न हो या विवाह होने में अडचने आ रही हों तो संकल्प लेकर सावन के सोमवार का व्रत किया जाता है
- सोमवार व्रत का संकल्प सावन में लेना सबसे उत्तम होता है , लेकिन बाकी समय में भी किया जा सकता है।
सावन के सोमवार की सामान्य पूजा विधि
- प्रातः काल स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाएं.
- घर से नंगे पैर जायें तथा घर से ही लोटे में जल भरकर ले जायें
- मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें, भगवान को साष्टांग करें
- वहीँ पर खड़े होकर शिव मंत्र का १०८ बार जाप करें
- दिन में केवल फलाहार करें
- सायंकाल भगवान के मन्त्रों का फिर जाप करें, तथा उनकी आरती करें
- पूजा की समाप्ति पर केवल जलीय आहार ग्रहण करें
- अगले दिन पहले अन्न वस्त्र का दान करें तब जाकर व्रत का पारायण करें