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मरीजों के दर्द की कीमत वसूलता बलिया का जिला चिकित्सालय

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यूपी के सरकारी अस्पतालों में जनता को निःशुल्क इलाज़ के नाम पर किस तरह लूटा जा रहा है ये देखने को मिला बलिया जनपद के महिला चिकित्सालय में जहा अल्ट्रासाउंड कराने आई गर्भवती महिलाओं से 100 रूपये तक वसूला जा रहा है।

क्या यूपी के सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज़ हो रहा है ? क्या मरीजों के दर्द की कीमत वसूल रहे है डॉक्टर? क्या सरकारी अस्पतालों में मरीज़ों की जांच के नाम पर लूट मची है? ये सवाल इस लिए जरूरी है क्योंकि सरकार का दावा है की सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क इलाज़ होता है पर बलिया जनपद के जिला महिला चिकित्सालय के अल्टासाउंड सेंटर में जो मरीज़ चला जाता है वहां मौजूद डॉक्टर और उनके स्टाफ के लिए वो किसी सोने की मुर्गी से काम नहीं। मीडिया ने जब अल्ट्रा साउंड कराकर निकली कुछ गर्भवती महिलाओं से बातचीत की तो उन्होंने खुलासा किया की अन्दर बैठा डॉक्टर हर मरीज़ से 100 रूपये वसूल रहा है।

ज़रा सोचिये की दूर दराज़ से जब गर्भवती महिलाएं इलाज़ के लिए जिला महिला चिकित्सालय पहुँचती होंगी तो उन्हें लगता होगा की सरकार मुफ्त में ही उनका इलाज़ करेगी पर जब खून जांच से लेकर अल्ट्रासाउंड के नाम पर उन्हें लूटा जाता होगा तो बेबस और गरीब महिलाओं पर क्या गुजरती होगी।

जिला महिला चिकित्सालय के अल्ट्रासाउंड में महिलाओं से अवैध वसूली के बाबत जब डॉ संजय सिंह ये दावा कर रहे थे की मैंने पैसा नहीं लिया है कोई गवाह है क्या, तभी एक मरीज के एटेंडेंट ने आवाज लगाईं की हां मैं हूँ गवाह।

क्या मरीजों की तकलीफे और उनका दर्द महज़ महज कमाई का ज़रिया है प्राइवेट अस्पताओं में तो शोषण की खुली छूट है बचा सरकारी अस्पताल तो वहां भी गिद्ध की तरह बैढे लोग मरीज़ों को नोचने में लगे है। ऐसे में सवाल उठता है की आखिरकार मरीज जाए तो कहा जाए। डॉ संजय सिंह का दावा है की वो प्रतिदिन 40 से भी ज्यादा अल्ट्रसाउंड करते है यानी एक मरीज से सौ रुपया तो पतिदिन चार हज़ार और एक  महीने के एक लाख बीस हज़ार की अवैध कमाई।

क्या ये योगी राज के रामराज में खुली लूट है जहां जितना लूटना चाहों उतना लूटो ना कोई रोकने वाला ना कोई टोकने वाला। बेहाल मरीज़ों की बेबसी अपनी बाला से महज़ एक महीने पहले ही देश के स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह बलिया आये थे और उन्होंने दावा किया था की बलिया जिला चिकित्सालय को दिल्ली के मैक्स अस्पताल से भी बढ़िया बनाएंगे पर सवाल उठता है यूपी के सरकारी अस्पताल सुधरेंगे कैसे। जब मरीज़ों से मची लूट के बाबत बलिया के सीएमओ से पूछा गया तो उलटा उन्हने मरीजों पर ही सवाल खड़ा कर दिया की जब सब कुछ निःशुल्क है तो सौ रुपया देते ही क्यों है।

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