मुंबई। मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रियों की एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसके कुछ घंटे बाद ही दो विधायकों ने इस्तीफा दे दिया।
भारत भालके, पंढरपुर निर्वाचन क्षेत्र (सोलापुर) के कांग्रेस विधायक और इंदापुर निर्वाचन क्षेत्र (पुणे) के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक दत्तात्रे विठोबा भार्ने ने गुरुवार की रात विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इससे पहले, कन्नाड (औरंगाबाद) निर्वाचन क्षेत्र के शिवसेना विधायक हर्षवर्धन जाधव ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग करते हुए राज्य भर में मराठा समुदाय के विरोध के दौरान अपना इस्तीफा दे दिया था।
मराठा आरक्षण आंदोलन के साथ एकजुटता के एक कार्यक्रम में, पुणे बार एसोसिएशन ने गुरुवार को कहा कि विरोध प्रदर्शन के संबंध में गिरफ्तार लोगों से उनके खिलाफ दायर मामलों के लिए एसोसिएशन निःशुल्क मदद मिलेगी।
मराठों के लिए आरक्षण का एक बेहद विवादास्पद मुद्दा रहा है, राज्यभर में इस कम्यूनिटी की आबादी लगभग 30 प्रतिशत है।
2017 में, मुंबई में इस मुद्दे पर मराठा क्रांति मोर्चा ने एक बड़ी रैली आयोजित की थी।
बता दें, मराठा समुदाय के आरक्षण के अलावा, कर्ज माफी, कोपार्डी बलात्कार और बेरोजगारी जैसे कुछ अन्य मुद्दे भी हैं, जिनके खिलाफ समुदाय विरोध कर रहा है।
इसी संबंध में, मराठा समुदाय के एक सदस्य जगन्नाथ सोनवने ने विरोध प्रदर्शन के दौरान आत्महत्या करने का प्रयास किया, बुधवार को उनकी मृत्यु हो गई।
सोनवने, जो जहर खा लिये थे, अस्पताल में इलाज कर रहे थे।
इससे पहले सोमवार को, एक और मराठा प्रदर्शनकारी काकासाहेब शिंदे औरंगाबाद जिले के गोदावरी नदी में मौत हो गईं।