पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम का हाल यह था कि जैसे ही अंधेरा छाने लगता था, शेल्टर होम की लड़कियों में डर बढ़ने लगता था। हर रात भयानक और डरावनी होती थी। यह बयान दिया है मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम की एक बच्ची ने जिसकी उम्र महज दस साल है। नाबालिग ने यह बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दिया है।
गिरफ्तार आरोपी की पत्नी ने कहा है कि एक मंत्री का पति अक्सर शल्टर होम आया करता था।
बता दें, बिहार सरकार ने एक गैर सरकारी संगठन द्वारा चलाए जा रहे सरकारी वित्त पोषित आश्रय घर बालिका गृह में किये जा रहे इस भयानक दर्द भरी दास्तान की वजह से सीबीआई जांच की सिपारिश की गई।
शेल्टर होम की 42 लड़कियों की मेडिकल जांच में पाया गया है कि उनमें से कम से कम 29 बच्चियों के साथ बलात्कार किया गया है। कम से कम तीन का गर्भपात करवाया गया, और तीन गर्भवती हैं। ये सभी नाबालिग हैं। उनमें से ज्यादातर की उम्र महज सात से 14 साल के बीच है।
लड़कियों ने विशेष पाक्सो अदालत के समक्ष दर्ज बयान में बताया कि उन्हें यातना दी जाती थी। उन्हें भूखा रखा जाता था, ड्रग्स के इंजेक्शन लगाये जाते थे और उनके साथ लगभग हर रात बलात्कार किया जाता था।
ज्यादातर लड़कियों ने सेवा संकल्प एवं विकास समिति के गिरफ्तार मालिक ब्रजेश ठाकुर की पहचान की है और कहा है कि यही वो बललात्कारी है। एक लड़की तो उसकी तस्वीर पर थूकती है। एक और 10 वर्षीय बच्ची ने बताया कि अगर हम उसकी बात मानने से इनकार करते तो वह हमें डंडे से पीटता था।
एक 14 वर्षीय बच्ची ने बताया कि जब भी वह कमरे में प्रवेश करता था तो तब बच्चियों में डर से कंपकंपी आ जाती थी। उसको हंटर वाले चाचा के नाम से जाना जाता था।
एक 10 वर्षीय बच्ची ने बताया कि अक्सर बलात्कार से पहले उसे ड्रग दिया जाता था। वह अपने निजी अंगों पर दर्द और चोट के निशान की वजह से अक्सर रात में सो नहीं पाती थी। बच्ची ने बताया कि मैंने किरण मैडम (एक आश्रय घर के कर्मचारी) से शिकायत की, लेकिन उन्होंने मेरी बात सुनी नहीं।
एक सात वर्षीय बच्ची जिसके साथ बलात्कार किया गया है, उसने अदालत से कहा कि नेहा मैडम, किरण मैडम और अन्य कर्मचारी… बॉस के साथ मिलकर हमारे ऊपर कहर बनकर टूटते थे और जो मालिक के खिलाफ शिकायत करने की जुर्रत करती थी उसको लाठी से पीटते थे।
एक और सात वर्षीय बच्ची ने बताया कि उसके हाथों और पैरों को बांधकर उसके साथ बलात्कार किया गया था। उसने अदालत से बताया कि जब मैंने विरोध करने की कोशिश की, तो मुझे पीटा गया और तीन दिनों तक भूखा रखा गया। उसके बाद मैंने ब्रजेश सर के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और माफ़ी मांग ली।
मामले में गिरफ्तार 10 लोगों में नेहा कुमारी और किरण कुमारी शामिल हैं।
एक और सात वर्षीय गूंगी बच्ची को दो दिनों तक भूखा रखा गया। जिसके बाद उसे भोजन दिया गया। एक और 10 वर्षीय बच्ची ने कहा कि उसे निजी अंगों पर चोट के निशान हैं। जिसकी वजह से मैं कई दिनों तक चल नहीं पा रही थी। मेरे साथ ऑफिस के कर्मचारियों समेत कई बाहरी लोगों ने मिलकर मेरे साथ बलात्कार किया। कभी-कभी, लड़कियों को रात में बाहर ले जाया जाता था और वे अगले दिन लौट आकर आती थीं। हम लोगों को यह पता नहीं चलता था कि कहां पर ले जाया जा रहा है।
एक 11 वर्षीय बच्ची ने तोंद वाले चाचाजी (मोटे चाचा) की पहचान की है और दूसरी पीड़िता ने मूंछ वाले चाचा के रूप में पहचाना है।
एक और बच्ची ने बताया कि जब तोंद वाले चाचा या नेता जी कमरे में आते थे तो किसी दूसरे को में प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी।
जिले के बाल संरक्षण अधिकारी की गिरफ्तार पत्नी ने बुधवार को कहा था सामाजिक कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा के पति को नेताजी के रूप में बुलाया जाता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी की नेता और सरकार में मंत्री मंजू ने दावा किया कि उन्हें उनकी जाति की वजह से उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है।