वैसे तो हमेशा दरगाह पर अजान या नमाज के स्वर हैं गूंजते है लेकिन दमोह जिले की हटा तहसील में स्थित नीम वाले बाबा की दरगाह पर गुरु पूर्णिमा के अवसर पर शंख और घंटा के स्वर गूंजते हैं इस अवसर पर बाबा का वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ महा आरती की जाती हैं। गुरु पूर्णिमा का पर्व हिंदू मुस्लिम भाई बड़ी शिद्दत के साथ मनाते हैं छोटी-छोटी बच्चियों के द्वारा दरगाह पर रंगोलियां बनाई जाती हैं। बच्चियां कलश लेकर स्वागत करती हैं।
हटा के हजारी वार्ड स्थित हजरत नीम वाले बाबा साहेब की दरगाह पर प्रतिवर्ष गुरु पूर्णिमा का पर्व हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग एक साथ मिलकर बनाते हैं। बाबा को गुरु मानकर उनकी ताजपोशी की जाती है बाबा की महाआरती मैं शंख और घंटे का स्वर सुनाई देता है मुस्लिम समाज के लोग यहां भारी तादाद में मौजूद रहते हैं और बाबा की जय कारे के साथ नमाज अदा की जाती है बाद में सभी हिंदू मुस्लिम भाई एक दूसरे के गले लगकर इस पर्व की बधाई देते हैं और कुछ लोग अपने गुरु भाइयों को तोहफे देकर उनका सम्मान करते हैं कौमी एकता की मिसाल देखकर लोग बहुत खुश होते हैं।
यहा प्रदेश की कई जिलों से लोग अपने गुरु को याद करते हुए यहां पर पूजा कर बाबा का आशीर्वाद लेते हैं बाबा के भक्तों ने हमें बताया कि हम बाबा को अपना गुरु मानते हैं और प्रतिवर्ष गुरु पूर्णिमा के दिन हम सभी हिंदू मुस्लिम भाई यह बाबा की पूजा आराधना करते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं ताकि हमारे देश में अमन चैन एवं भाईचारा बना रहे मुस्लिम भाइयों ने हमें बताया कि हम सभी हिंदू मुस्लिम सभी के त्यौहार में सम्मिलित होते हैं और हर त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है कौमी एकता की ऐसी मिसाल शायद ही कहीं और देखने मिले।
हिंद न्यूज टीवी के लिए दमोह से दीपक सेन