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MSP लागू करना काफी नही, किसानों के अधिकार के लिए होगी किसान अधिकार यात्रा – राष्ट्रीय किसान महासंघ

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आंकड़ों के मुताबिक पिछले 20 साल से देश में 5 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं, चुनावों से पहले हर राजनीतिक पार्टी किसानों की स्थिति सुधारने के बड़े-बड़े वादे करती हैं लेकिन नीति आयोग के अनुसार आज भी 17 राज्यों में एक किसान परिवार की औसत वार्षिक आय सिर्फ 20,000 रुपए होती है और पिछले 5 साल में किसानों की वार्षिक आय में सालाना सिर्फ 0.44% की ही बढ़ोतरी हुई है।

2014 के लोकसभा चुनावों से पहले पीएम मोदी ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वादा किया था। लेकिन, अब तक सरकार ने उस रिपोर्ट को लागू नहीं किया है।  स्वामीनाथन आयोग ने C2 लागत में 50% जोड़कर किसानों को फसलों का MSP देने की सिफारिश की थी, सरकार ने स्वामीनाथन आयोग के अनुसार C2 लागत मूल्य में 50% जोड़कर फसलों का MSP नहीं दिया है।

राष्ट्रीय किसान महासंघ देश के 132 बड़े किसान संगठनों का महासंघ है जो पिछले लंबे समय से देशभर में 4 मांगों पर किसानों की लड़ाई लड़ रहा है।

राष्ट्रीय किसान महासंघ की 4 मांग –

  • किसानों की पूर्ण कर्ज़मुक्ति
  • C2 लागत मूल्य में 50% जोड़कर MSP दिया जाए।
  • फल, दूध एवम सब्जियों का भी MSP घोषित किया जाए, फसलों की MSP पर पूर्ण खरीद की गारंटी का कानून बनाया जाए एवम MSP से कम पर खरीदने को गैर-कानूनी घोषित किया जाए।
  • किसानों की न्यूनतम पेंशन सुनिश्चित की जाए।

इन 4 मांगों को लेकर 26 जुलाई से कश्मीर से कन्याकुमारी तक किसानों की देशव्यापी किसान अधिकार यात्रा राष्ट्रीय किसान महासंघ द्वारा आयोजित की जा रही है। इस यात्रा के तहत देशभर में किसानों की 25 बड़ी जनसभाएं आयोजित की जा रही हैं।

कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने कई फसलों के MSP में कुछ बढ़ोतरी की है। देश के अनेक बुद्धिजीवी पत्रकार, समीक्षक सरकार के इस निर्णय को किसान लड़ाई की उपलब्धि मानते हैं। लेकिन किसानों का मानना है कि MSP में बढ़ोतरी पर्याप्त नहीं है क्योंकि किसानों की मांग स्वमीनाथन आयोग के अनुसार C2 लागत मूल्य में 50% जोड़कर फसलों का MSP दिया जाना है।

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