नई पीढ़ी को अपने देवी-देवताओं द्वारा किये गये कार्यों, रामायण, महाभारत, गीता जैसे धार्मिक ग्रन्थों के साथ-साथ देश की आजादी के संघर्ष को लोकगीतों के माध्यम से गायन कर अवगत कराने के लिये चम्बलांचल में लोकगीत कन्हैया का आयोजन बृहद स्तर पर धार्मिक पर्वों पर किया जाता है। कन्हैया लोकगीतों में मानव जीवन के सकारात्मक कार्यों व गतिविधियों के साथ-साथ प्रकृति व जीवों का उल्लेख किया जाता है। गांव-गांव में होने वाले सामूहिक व व्यक्तिगत आयोजनों में भी इनका गायन किया जाता है। मुरैना जिले में गुरूपूर्णिमा के अवसर पर प्रसिद्ध धार्मिक स्थल करहधाम तथा दीपावली की पड़वा से लगने वाले दाऊजी मंदिर मुरैना गांव पर लीलामेला में कन्हैया का गायन बृहद स्तर पर किया जाता है। गुरूपूर्णिमा पर करहधाम में लाखों श्रद्धालु बाबा पटिया वाले के दर्शन के लिये आकर रामधुन में सम्मिलित होते हैं, लेकिन ग्रामीणजन बाबा के आशीर्वाद पश्चात कन्हैया लोकगीतों के गायन में भी भाग लेते हैं, वहीं जिले के गांव-गांव से कई दल आते हैं।
गुरूपूर्णिमा के अवसर पर जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल करहधाम पर लोकगीत कन्हैया का आयोजन दोपहर में आरंभ हुआ जो शाम होने से पूर्व समाप्त हो गया। कन्हैया में दो दर्जन से अधिक दलों ने रूकमणी विवाह, भगवान श्रीकृष्ण के साथ रूकमणी की लीलाऐं, भारत देश को आजाद कराने वाले वीरों की कहानियां, देश से अंग्रेजों को भगाने के लिये क्रातिकारियों तथा स्वतंत्रता सैनानियों द्वारा किये गये कार्याेें का उल्लेख गायन कर सुनाया गया। एक दल किसी विषय को गाकर सुनाता है तो दूसरा दल उसी विषय में पलटवार करते हुये गायन करते है। इन गायक दलों के सभी सदस्यों को उपस्थित जनसमुदाय द्वारा नगद इनाम निर्णायक मण्डल के माध्यम दी जाती है। वहीं प्रत्येक मण्डल को सम्मानस्वरूप निर्णायक मण्डल द्वारा शॉल व नगद राशि प्रदान की जाती है।
करहधाम पर कन्हैया लोकगीतों का निर्णय करने के लिये ग्राम धनेला सहित अन्य गांव की एक समिति (पंचायत) बनाई गई। इस पंचायत के द्वारा कन्हैया गाने वाले दोनों दलों के गायन व विषय को लेकर उत्कृष्टता का निर्णय किया जाता है और इसी के अनुसार इनाम की राशि व विजेता का स्थान तय कर गायक दलों को प्रदान किया जाता है। करहधाम पर 2 से 3 घंटे में दर्जनों गांव के अनेक दलों द्वारा अपने गायन व विषय को उपस्थितजनों व पंचायत के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। इन गायक दलों के सभी सदस्यों को उपस्थित जनसमुदाय द्वारा नगद इनाम निर्णायक मण्डल के माध्यम दी जाती है। वहीं प्रत्येक मण्डल को सम्मानस्वरूप निर्णायक मण्डल द्वारा शॉल व नगद राशि प्रदान की जाती है।
हिंद न्यूज टीवी के लिए मुरैना से गिर्राज शर्मा