बेंगलुरु। पिछले चार वर्षों में, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु पबों की संख्या में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पहले राजधानी में पबों की संख्या जितनी थी, उसमें 50 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। पबों में भारी बढ़ोतरी का कारण राजधानी में बहुराष्ट्रीय कंपनियां के आगमन को माना जा रहा है।
शहर में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन से लोगों की आमदनी बढ़ रही है और साथ ही युवाओं को यह संस्कृति बहुत लुभाती भी है, जिसकी वजह से पबों में कमाई का मौका देखकर नये-नये पब खोले जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बढ़ती पब जाने वाली संस्कृति पर असंतोष जता रहे हैं, लेकिन शहर के युवा पेशेवर खुद को इसमें जोरदार तरीके से जोड़ रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आगमन ने शहर में पब संस्कृति लाई। शहरी आबादी में युवा पेशेवरों की संख्या ज्यादा है जो इस संस्कृति से प्यार करते हैं। सरकार को इसके लिए नये लाइसेंस नहीं जारी करना चाहिए, क्योंकि यह समाज के लिए अच्छा नहीं है।” एक स्थानीय नागरिक ने कहा कि शहर में बढ़ती पब-जाने वाली संस्कृति बच्चों और किशोरों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, क्योंकि वे अपने माता-पिता को पीते हुए देखते हैं। यह समाज और देश के हित में नहीं है।
एक युवा कामकाजी पेशेवर ने बताया कि यह संस्कृति स्वाभाविक है। इस शहर में बड़ी संख्या में युवा रहते हैं, जो शहर में नौकरियों और शिक्षा के कारण आकर्षित होकर आते हैं। इससे इसमें जोरदार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इस शहर को पब कैपिटल भी कहा जाता है।