टीकमगढ़। हमारा देश बदल रहा है। लोग इस झूठ को सच भी मान रहे हैं। कहने को तो कहा जाता है कि आजादी के ७० साल बाद जहांपर बुनियादी सुविधायें नहीं थीं, वहां पर उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ की यह घटना कुछ अलग ही बयां कर रही है। नजदीक में स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने की वजह गर्भवती महिला के परिजन उसको पानी भरी हुई सड़क पर चारपाई पर ढोकर अस्पताल ले जाने को मजबूर दिख रहे हैं।
यह दृश्य सामने तब आया जब महिला के परिजनों को एंबुलेंस सेवा की तरफ से देर तक कोई जवाब नहीं मिला। उसके बाद परिवार के सदस्यों को यह समझ में आया कि देरी करने पर महिला का तबीयत बिगड़ सकती है तो उन्होंन आनन-फानन में आकर तुरंत महिला को चारपाई पर ही लेटाकर ले जाने को मजबूर हो गए।
महिला को भयानक दर्द हो रहा था, जिसके बाद उसके परिवार के सदस्यों ने हेल्पलाइन नंबर डायल किया और अस्पताल के अधिकारियों से तुरंत एम्बुलेंस भेजने का आग्रह किया। लेकिन, बाढ़ और जल-लॉगिंग के कारण एम्बुलेंस का उनके गांव तक पहुंचना संभव नहीं था।
पृथ्वीपुर जिला अस्पताल के डॉ रवि रावत से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि, ‘मैं इस घटना से अवगत नहीं था। इसलिए, मैं संबंधित अधिकारियों से जांच करने के बाद ही आपको कुछ बताने में सक्षम हूं’। हाल ही में तत्काल चिकित्सा सुविधाओं की कमी से उत्पन्न होने वाली इसी तरह की कई घटनाएं हुई हैं।
दो हफ्ते पहले, उसी जिले के एक व्यक्ति को पोस्ट-मॉर्टम के लिए मोटरसाइकिल पर अपनी मां के शव को ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था। कुंवर बाई के रूप में पहचाने जाने वाली महिला की सांप काटने के कारण मृत्यु हो गई थी। उसके परिवार ने मोहनगढ़ में एक जिला अस्पताल को एक पोस्ट-मॉर्टम करने के लिए सूचित किया। लेकिन,अस्पताल ने कथित रूप से मृतक के लिए वैन भेजने से इनकार कर दिया।
इसके बाद, कुंवर बाई के बेटे और उसके रिश्तेदारों ने उनके शव को मोटरसाइकिल पर अस्पताल ले गए। ताकि पोस्ट-मॉर्टम हो सके। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हुआ था। प्रसारित किया गया था।