दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को आईएनएक्स मीडिया मामले के संबंध में 1 अगस्त तक पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की। आपको बता दे कि सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय ने पिछले साल जून में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जारी पूर्व मंत्री के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट नोटिस को रद्द कर दिया था। हालांकि, अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि आदेश इस मामले में कार्ति चिदंबरम के खिलाफ शुरू की गई किसी भी कार्यवाही को प्रभावित नहीं करेगा। इससे पहले, उसी दिन, सुप्रीम कोर्ट ने कार्ति को 23 जुलाई से 31 जुलाई तक व्यापार उद्देश्यों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन यात्रा करने की अनुमति दी। उन्होंने विदेश यात्रा करने की अनुमति मांगने के लिए शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की थी।
गौरतलब है, चिदंबरम पूर्व मीडिया बैरन पीटर मुखर्जी और उनकी पत्नी द्वारा प्रचारित एक उद्यम, आईएनएक्स मीडिया को दिए गए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) मंजूरी के संबंध में जांच एजेंसियों, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के जांच के दायरे के अधीन हैं।
2007 में जब ये कथित अनियमिततएं हुई थी तब पी चिदंबरम यूपीए की सरकार के में वित्त मंत्री थे। इसी मामले में कार्ति चिदंबरम को फरवरी में गिरफ्तार किया गया था हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन्हें मार्च में जमानत दी। कार्ति चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया को विदेशों से 305 करोड़ रुपये के धन प्राप्त करने की मंजूरी देने के लिए कथित रूप से सेवा शुल्क लिया था।
एयरसेल में निवेश के लिए फर्म एम एस ग्लोबल कम्युनिकेशन होल्डिंग सर्विसेज लिमिटेड को दी गई एफआईपीबी मंजूरी से संबंधित एयरसेल-मैक्सिस मामले में उनके कथित भागीदारी के लिए पूर्व वित्त मंत्री और उनके बेटे की भी जांच की गई है। 1 9 जुलाई को, सीबीआई ने 18 आरोपियों के खिलाफ दिल्ली के एक अदालत में मामले में चार्जशीट दायर की, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री, उनके बेटे और चुनिंदा सरकारी अधिकारी (सेवारत और सेवानिवृत्त) शामिल थे। अपनी नई चार्जशीट में सीबीआई ने कहा कि एफआईपीबी मंजूरी के संबंध में मनी ट्रेल्स के दो सेट खोजे गए थे। (एएनआई)