नई दिल्ली। देश में मॉब लिंचिंग की जो घटनायें हुई हैं। उन पर कोई भी व्यक्ति केंद्र सरकार की बातों पर यकीन नहीं कर सकता है, क्योंकि ऐसी घटनायें हर रोज घटित हो रही हैं और सत्ताधारी पार्टी के नेता संसद के अंदर और बाहर केवल आश्वासन दे रहे हैं। सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों के बावजूद बीजेपी शासित राज्यों में मॉब लिंचिंग की घटनायें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मॉब लिंचिग के जरिये मुसलमानों पर हमले किए जाते हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी के संबद्ध संगठन हिंदू-मुस्लिम विभाजन के एजेंडे की ओर इशारा करते हैं।
हाल ही में राजस्थान में एक मॉब लिंचिंग की घटना घटित हुई, जहां पर भाजपा की सरकार है। भाजपा शासित राज्य राजस्थान के अलवर जिले में मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया। इसमें भी सत्तारूढ़ दल से संबद्ध गौराक्षकों को ही शामिल बताया जा रहा है।
अलवर लिंचिंग मामले में पोस्ट-मॉर्टम रिपोर्ट में उस शख्स के शरीर पर 12 चोट के निशान, हाथ और पैर में फ्रैक्चर और टूटी हुई पसलियों के बारे में बताया गया है।
बता दें, एक दल के गाय तस्करी के संदेह पर हमला करने के बाद रकबर की आंतरिक खून बहने से मृत्यु हो गई थी।
गौरतलब है कि इस सरकार के सत्ता में आने से पहले, देश के लोग “लंचिंग” शब्द से परिचित ही नहीं थे, जो अब हर किसी के घर में आम हो गया है। भाजपा शासित राज्यों में अब हर रोज नये मामले सामने आते हैं। यह भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से इसकी न्यायिक जांच की मांग करता हूं।