भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहां का किसान हर राजनैतिक दल का वोट बैंक भी है, नेता किसानो की भलाई के लिये तमाम योजनायें लाकर किसान का वोट लेने के लिये तरह तरह के वादे भी करते हैं मगर हकीकत इन सब से जरा हटकर है। देश का किसान परेशान है, उसे उसकी फसल का वाजिब दाम नही मिल पा रहा, हद तो तब हो गई जब बस्ती के एक किसान की जमीन पर बैंक ने बिना उसकी जानकारी के ही पांच लाख का लोन कर दिया, इस बात की जानकारी पीडित किसान को तब हुई जब उसे बैंक ने वसूली के नोटिस भेज दिया।
पंजाब नेशनल बैंक विक्रमजोत में एक किसान की खतौनी बिना कर्ज लिए ही बंधक हो गई। जिस पर पांच लाख का कर्ज दर्शाया गया है। किसान ने शाखा प्रबंधक से लेकर फील्ड अफसर तक इसकी शिकायत की है लेकिन अभी तक इसका कोई समाधान नहीं निकल सका है। विक्रमजोत विकास खंड के गुंडाकुंवर निवासी मोलराज पुत्र भगौती सिंह अप्रैल 2018 में गेहूं बेचने के मकसद से आनलाईन कराने गये तो उन्हे पता चला कि उनकी खतौनी के गाटा संख्या 113 जिसका रकबा 17 बीघा है के संपूर्ण रकबे पर पांच लाख का लोन कर दिया गया है। यह देखकर किसान आश्चर्यचकित हो गए। मामले की शिकायत शाखा प्रबंधक से की। उन्होंने फील्ड अफसर अविनाश गुप्ता के पास भेज दिया। फिर भी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
शिकायतकर्ता को बैंक द्वारा सबकुछ ठीक कराने का अश्वासन भी दिया गया। मगर समाधान आज तक नही हो सका, बैंक ने किसान के कहा कि जिस उपभोक्ता के लोन में आपकी खतौनी का नंबर बंधक है उसको ठीक करा दिया जायेगा, मगर बैंक की लापरवाही ऐसी कि उसने जांच किये बगैर ही जमीन पर लोन पास कर दिया। पीडित किसान का कहना है कि उनकी जमीन पर लोन देने से पहले किसी भी बैंक अफसर ने गांव मे जाकर सर्वे नही किया। बिना मेरी खतौनी बंधक मुक्त कराए पांच लाख का लोन कर दिया गया। ब बैंक के मैनेजर ने बताया कि यह तहसील की गलती से हुआ है । आपरेटर को गाटा संख्या के आधार पर भूमि बंधक करना चाहिए जबकि यह लोन खाता संख्या से बंधक हुआ है। जल्द ही इसको ठीक करा दिया जाएगा, बैंक इस त्रुटि को ठीक करने के बजाये अब पीडित किसान को नोटिस भेजकर वसूली पर आमादा हो गया है जिससे किसान की नींद उड गई है।
हिंद न्यूज टीवी के लिए बस्ती से सतीश श्रीवास्तव