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मॉब लिंचिग पर मल्लिकार्जुन खडगे का बयान, बोले- BJP ऐसे कामों को दे रही है बढ़ावा

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उदयपुर। राजस्थान के अलवर में गो ततस्कर होने के शक में एक आदमी की पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिए जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार ऐसी कृत्यों को प्रोत्साहित कर रही है और वह नहीं चाहती है कि स्थिति में सुधार आए।

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए खड़गे ने कहा कि सरकार देश में ऐसी घटनाओं को प्रोत्साहित कर रही है। यह सरकार नहीं चाहती है कि देश की स्थिति में सुधार हो। हम आज संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे।

राजस्थान पुलिस के खिलाफ अस्पताल ले जाने में देरी के कारण राजस्थान पुलिस के खिलाफ आरोपों पर टिप्पणी करते हुए अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह पुलिस के कार्यों से आश्चर्यचकित नहीं हुए हैं और कहा कि ‘गौ रक्षकों’ और पुलिस एक दूसरे के मिलकर यह काम किया गया है।

ओवैसी ने एएनआई को बताया कि राजस्थान पुलिस के काम मेरे लिए आश्चर्यचकित करने वाले नहीं हैं। उन्होंने पहलू खान की हत्या के मामले में भी ऐसा ही किया था। राजस्थान पुलिस गाय सतर्कता का समर्थन कर रही है।

इस बीच, राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पुलिस के खिलाफ आरोपों की जांच की जाएगी और आरोप अगर सही साबित हो गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कटारिया ने एएनआई को बताया कि कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पीड़ित को अस्पताल ले जाने में पुलिस ने देरी की थी। हम इसकी जांच करवायेंगे और सही पाये जाने पर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।

आपको बता दें, 20-21 जुलाई की मध्यरात्रि रात में, अलवर जिले में गाय तस्करी के संदेह पर एक उत्तेजित भीड़ ने एक व्यक्ति को कथित तौर पर मार डाला था।

28 वर्षीय अकबर खान लालवंडी इलाके के पास एक जंगल के माध्यम से गायों को अपने गांव में ले जा रहे थे, जब स्थानीय लोगों ने उसे क्रूरता से मारा।

शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इस तरह की घटनायें देश में नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा था कि गाय हमारे लिए पूज्य है, लेकिन उसके लिए किसी की जान लेना इंसानियत नहीं है। राज्य सरकारों को भीड़तंत्र के अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

भारत में भीड़ के गस्से का शिकार होने वाली घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। गृह मंत्रालय के अनुसार, 2014 से लेकर 3 मार्च 2018 के बीच नौ राज्यों में भीड़ हिंसा के 40 मामलों में 45 लोग मारे गए हैं।

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