पाकिस्तान के चुनावों में हमेशा जनता की भावनाओं को भारत के खिलाफ भड़काकर वोटों की फसल काटने की कवायद है। लेकिन अबकी बार मामला थोड़ा अलग है, पाकिस्तान में होने जा रहे आम चुनावों में इस बार भारत विरोध थोड़ा कम देखने को मिल रहा है लेकिन इस बार वहां की सियासत पीएम नरेंद्र मोदी के पुरजोर विरोध पर टिकी है।
2008 के मुंबई आतंकी हमलों का मारस्टमाइंड हाफिज सईद ने इस बार अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है, इसका बेटा और दामाद तक चुनाव लड़ रहे हैं। इसकी पार्टी को चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं मिली तो इसने एक दूसरे पंजीकृत दल के बैनर तले अपने प्रत्याशियों को उतारा।
नवाज शरीफ के जेल जाने के बाद इन चुनावों में सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता इमरान खान से लेकर आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के नेता हाफिज सईद समेत तमाम छोटे-बड़े राजनेता पीएम मोदी के विरोध के नाम पर ही वोट मांग रहे हैं। हम अपको एक बार विस्तार से बताते हैं कि आखिर कौन सा नेता Pm मोदी के बारे में क्या कहकर वोट मांग रहा है।
इमरान खान
पाकिस्तान ने तो भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश की लेकिन मोदी सरकार की पाकिस्तान विरोधी आक्रामक नीतियों की वजह से दोनों सरकारों के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे। जब पीएम मोदी की नीति ही पाकिस्तानी विरोध की है तो पाक अकेला क्या कर सकता है?
हाफिज सईद
मोदी सरकार कश्मीर में नदिइयों पर बांध बनाना चाहती है, ऐसा कर वह पाकिस्तान का पानी रोकने का मंसूबा रखती है। ऐसे लोगों को संसद में भेंजे जो भारत सरकार के इन कदमों को रोकने का साहस कर सकें।