आज राहुल गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो रही हैं। राहुल गांधी की अध्यक्षता में यह पहली बैठक हो रही हैं। कांग्रेस में अहम फैसले लेने वाली कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की आज की बैठक में आने वाले दिनों में पांच राज्यों में जो चुनाव होने हैं उस पर भी मंथन हो रहा है। साथ ही 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर महागठबंधन पर भी चर्चा हो रही हैं। साथ ही बैठक के दौरान कुछ नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि महागठबंधन के केंद्र में कांग्रेस रहे और राहुल गांधी ही उसका चेहरा हों।
‘ब्रिज की तरह काम करती है कांग्रेस की वर्किंग कमेटी’
नई वर्किंग कमेटी की इस बैठक में राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सीडब्लूसी भूतकाल, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाले एक ब्रिज की तरह काम करती है। उन्होंने सभी सदस्यों से देश के उत्पीड़ित और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए साथ में काम करने की अपील की। वहीं, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के व्याख्यान उनकी निराशा को दर्शाते हैं, क्योंकि अब केंद्र में बीजेपी के दिन गिनेचुने ही बचे हैं।
‘निजी महत्वाकांक्षाएं छोड़ साथ आएं’
सोनिया गांधी ने भी महागठबंधन की मुद्दे पर अपनी सहमति जताई। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बचाने के लिए साथ आना जरूरी है। सोनिया गांधी ने कहा कि समान विचारधारा वाले दल निजी महत्वाकांक्षाएं छोड़कर साथ आएं। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘हम गठबंधन को सुचारु रूप से चलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम सभी राहुल गांधी के प्रयास के साथ हैं। हम अपने लोगों की इस खतरनाक शासन से रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो भारत के लोकतंत्र से समझौता कर रही है।’
‘राहुल की इस यात्रा में हम उनके साथ’
वर्किंग समिति की इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी जी को यह आश्वासन देता हूं कि हम भारत के सामाजिक सद्भाव और आर्थिक विकास को बहाल करने की उनकी इस कठिन यात्रा में उनका समर्थन करेंगे।’ साथ ही उन्होंने कहा की अगर भारत के किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करनी है तो इसके लिए कृषि वृद्धि दर को 14 प्रतिशत करना होगा। ऐसा होना संभव नहीं लगता। जिसकी जानकारी रणदीप सुरजेवाला ने दी और कहा की, ‘डॉक्टर मनमोहन सिंह ने लगातार आत्म प्रशंसा और प्रधानमंत्री के जुमले की संस्कृति को खारिज कर दिया है क्योंकि यह विकास के ठोस नीतिगत ढांचे के खिलाफ है।’