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कांग्रेस बोली, करेंगे तीन तलाक का समर्थन लेकिन मान लो हमारी ‘शर्त’

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मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से आजादी दिलाने का मन बना चुकी हैं। इसके लिए सरकार लगातार प्रयास भी कर रही हैं।  लेकिन जब तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने के मकसद से मोदी सरकार ने जब सदन से बिल को पास कराना चाहा था तो कांग्रेस समेत अन्य कई दलों ने इसका विरोध किया था। आपको बता दे, तीन तलाक के खिलाफ लाया गया ‘मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण विधेयक’ लोकसभा में पारित हो चुका है और राज्यसभा में लंबित है। लेकिन वहीं कांग्रेस आज तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार का साथ देने को तैयार हो गयी है लेकिन उसने इसके लिए एक शर्त रखी हैं।

बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक पर समर्थन व्यक्त करते हुए इसे पारित कराने का आग्रह किया था। उनके पत्र पर पलटवार करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी उन्हें एक पत्र लिखा और तीन तलाक व निकाह हलाला संबंधी विधेयकों को पारित कराने में सहयोग की मांग की थी। अब कांग्रेस ने उनकी ये बात भी मान ली है और शर्त के साथ तीन तलाक बिल पर समर्थन देने का ऐलान किया है। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि अगर सरकार तीन तलाक विरोधी विधेयक में महिला के लिए गुजारा भत्ता का प्रावधान करती है तो कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन जरूर करेगी।

महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने सरकार पर आरोप लगाते हुुए कहा कि सरकार महिला आरक्षण विधेयक के लिए तीन तलाक़ विधेयक की शर्त रखकर सौदेबाजी कर रही है।  सुष्मिता देव ने कहा, ‘हम तीन तलाक विरोधी विधेयक के खिलाफ में कभी नहीं थे। लेकिन विधेयक का मौजूदा स्वरूप मुस्लिम महिलाओं को नुकसान पहुंचाने वाला है। इसमें पीड़ित महिला के लिए गुजारा भत्ता का प्रावधान होना चाहिए।’  महिला कांग्रेस की अध्यक्ष ने कहा, ‘विधेयक का मकसद यही है कि मुस्लिम महिला को न्याय मिले और तीन तलाक पर अंकुश लगे। लेकिन पति जेल चला जायेगा तो महिला की जीविका का क्या होगा। इस पहलू पर हमें ध्यान देना होगा।’

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