मोदी सरकार ने ‘खेलो इंडिया’ के तहत एक योजना शुरू की है, जिसमें 8 साल से 12 साल के बच्चों की फिटनेस मैपिंग की जाएगी। इस योजना में राज्यों और सरकारी स्कूलों की भागीदारी से काम होगा। इन स्कूलों में पढ़ाई में कुशाग्र छात्रों के साथ खेलों में अच्छे बच्चों का भी पता चलेगा।
इस योजना के तहत 2024 और 2028 के ओलंपिक के लिए देश में खिलाड़ी तैयार कराए जाएगें। खेल केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने यह जानकारी शेयर की है।
राठौड़ ने लोकसभा में अनुराग ठाकुर के प्रश्न पर कहा कि
बच्चों को 5 लाख रुपए हर साल
खेल केंद्रीय मंत्री ने कहा, कि इस तरह से आठ साल की उम्र से ही बच्चों में विभिन्न खेलों की प्रतिभाओं की पहचान की जा सकेगी और इनमें से 1000 टैलेंटेड बच्चों को 8 साल तक 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष सरकार की ओर से दिए जाएंगे। राठौड़ ने कहा कि इसस तरह से 16 साल की उम्र तक देश को अच्छे खिलाड़ी होगें। 2024 और 2028 के ओलंपिक में भाग लेने के लिए खिलाड़ी तैयार हो चुके होगे।
ट्रेनिंग सेंटर ठंडे स्थानों पर
देश की सरकार ऊंचाई वाले ठंडे स्थानों पर ट्रेनिंग सेंटर बनाने पर विचार कर रही है। इस लिहाज से खेलो इंडिया के तहत 380 करोड़ रुपए की 70 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चूकी है। सरकार ने यहां तक कहा है, कि अगर 2020 के ओलंपिक के लिए कोचों को विदेश भेजने की जरूरत हुई, तो उन्हें जरूर भेजा जाएगा।
कोचों की सैलरी की लिमिट दोगुनी
खेल केंद्रीय मंत्री ने भारतीय खेल प्राधिकरण (स्पोर्ट्स इंडिया) के संचालक की बैठक में फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा, कि हमने भारतीय कोचों की सैलरी की लिमिट को दोगुना कर दिया है।