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उत्तर प्रदेश- चर्चा का विषय बनीं बलिया की खस्ताहाल सड़कें

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उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुट गई है। केंद्र की भाजपा सरकार पिछले साल के विकास कार्यों का लेखा-जोखा लेकर जनता के बीच दोबारा विश्वास पाना चाहती है।मगर वहीं कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार के चुनावी वादों को पूरा न करने का मुद्दा उठाकर जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने की तैयारी में है। इन सबके बीच गाजीपुर से हाजीपुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग अपने बदहाली के लिए एक बार फिर चुनावी मुद्दा बनने को तैयार है।

उत्तर प्रदेश बलिया की खस्ताहाल सड़के चर्चा का विषय बनी हुई है, यहां की सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं, जो सुगम यातायात की कल्पना से परे हैं। एनएच-31 राष्ट्रीय राजमार्ग को 4 लेन करने की काफी समय से मांग की जा रही थी, जिससे छोटे जिलों को महानगरों से जोड़ा जा सके। इस बात को जिले के लोकसभा सदस्य भारत सिंह ने केंद्रीय भूतल और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक पहुंचाई। इन्होंने इसे स्वीकार किया और जल्द ही इसकी घोषणा करने की बात कही।

8 सितम्बर 2016 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बलिया जिले का दौरा किया और जिले के लिए कई घोषणाओं की बौछार की। इस घोषणा में सबसे पहले गाजीपुर से हाजीपुर एनएच-31को 4 लेन करने की बात हुई और वर्ष के अंत तक कार्य आरंभ करने का वादा किया गया था, लेकिन कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ।

मेंटनेंस को 7.75 करोड़ का टेंडरगाजीपुर से हाजीपुर एनएच-31 जो पहले एनएच-19 था उसको 4 लेन करने के आदेश तो हुए लेकिन 240 कि.मी की सड़क धीरे-धीरे बदहाल होती गई। आलम यह है, कि यूपी के 120 कि.मी और बिहार के शेष 120 कि.मी की दूरी तय करने में पांच घंटे का समय लगने लगा। नेशनल हाईवे में हुए गड्ढो की पैचिंग के लिए नेशनल हाईवे की गाजीपुर डिवीजन में 7.75 करोड़ का टेंडर कराया गया, जिससे इस हाइवे की सड़क की मरम्मत हो सके, लेकिन कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ।

कई जान ले चुके है, ये गड्ढे नेशनल हाईवे-31 का सबसे बुरा हाल जिले बलिया में है। यहां कदम-कदम पर हाइवे पर गड्ढे हैं, जिसकी वजह से कई हादसे हो चुके हैं और बहुत लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है। अब आलम यह है कि गड्डो की गहराई और बढ़ती जा रही है, जिस वजह से बलिया से गाजीपुर और वाराणसी तक सड़क पर बाइक से चलना दूभर हो गया है। स्थानीय निवासी का कहना है, कि इन गड्डो की वजह से उन्हें बैकपेन जैसी गंभीर बीमारी का सामना भी करना पड़ रहा है।

फिर चुनावी वादों की फेहरिस्त में होगी हाइवे जिले के लोगों का कहना है, कि चाहे विधान सभा चुनाव जो या लोकसभा नेताओं के लिए वादे करना आम बात है। विधानसभा चुनाव से पहले केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसे 4 लेन करने का वादा किया था, लेकिन मोदी सरकार के चार साल और योगी सरकार के 15 माह के कार्यकाल बीत जाने के बाद भी 4 लेन निर्माण का डीपीआर तक शुरू नहीं हुआ। ऐसे में 2019 में होंने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी पार्टियों को फिर से चुनावी मुद्दा मिल गया है।

बलिया से हिन्द न्यूज के लिए अमित कुमार

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