नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने को लेकर तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) की अगुआई में विपक्ष केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मानसून सत्र के पहले दिन बुधवार को कहा कि सदन में चर्चा के बाद मतदान किया जाएगा।
सदन में शुक्रवार, 20 जुलाई को बहस करवाई जाएगी। पूरे दिनभर चर्चा की जाएगी। उसके बाद मतदान किया जाएगा।
ट्रस्ट वोट के बारे में पूछे जाने पर, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीडिया से कहा: “कौन कहता है कि हमारे पास संख्या बल नहीं हैं?
हालांकि, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने सोनिया गांधी की टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि मुझे लगता है कि इस तरह के अविश्वास से कोई मकसद नहीं पूरा होगा। हमारे पास स्पष्ट बहुमत है और 20 जुलाई को हम सदन के अंदर साबित करके दिखा देंगे। हम आसानी से जीतेंगे और विपक्ष को उसकी औकात बता देंगे।
मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा की थी कि सभी विपक्षी दल मॉनसून सत्र में नो कॉन्फिडेंस मोशन के वोट में भाग लेने के लिए अवश्य आएं।
इससे पहले, रविवार को टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने को लेकर केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर समर्थन मांगने के लिए गैर-बीजेपी, गैर-कांग्रेस पार्टियों के अध्यक्षों और संसदीय दल के नेताओं को पत्र लिखा था।
उसके बाद, टीडीपी ने पार्टी के नेताओं के छह उप-समूह बनाए, जिन्होंने चंद्रबाबू नायडू के पत्र से अवगत कराया गया और राज्य के प्रति किए जा रहे अन्याय को समझाते हुए एक पुस्तिका दी गई और विभिन्न दलों के नेताओं से समर्थन की अपील की गई।
वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम गोपाल यादव ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि हम जानते हैं कि हमारे पास संख्या नहीं है। फिर भी हम अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ रहे हैं। जिसका यह मकसद है कि हम सरकार को यह बताना चाहते हैं कि आपने जनता का विश्वास खो दिया है।