You are here
Home > breaking news > मायावती ने दी पार्टी नेताओं को नसीहत, SP के साथ गठबंधन पर अनाप-सनाप बोलने से बचें

मायावती ने दी पार्टी नेताओं को नसीहत, SP के साथ गठबंधन पर अनाप-सनाप बोलने से बचें

Share This:

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को आज बड़ी नसीहत दी है। पार्टी कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमारी पार्टी का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन है और रहेगा। लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता और नेता गठबंधन पर कोई भी अनाप-सनाप बयान न दें। गठबंधन पर जो भी कहना होगा उसको हाई कमांड संभालेगा। कहीं पर भी इसके बारे में कुछ कहने से बचें और जमीनी स्तर पर जाकर काम करें।

बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि मुझे इस बात की जानकारी मिली है कि बसपा के राष्ट्रीय संयोजक जय प्रकाश सिंह ने बहुजन के विचारों के खिलाफ बयानबाजी की है। इसके अलावा उन्होंने विपक्षी पार्टियों के नेताओं पर गतल टिप्पणी की है। यह उनका निजी विचार हो सकता है, लेकिन पार्टी का नहीं। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाया जा रहा है।

बता दें, देश में भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते जनाधार के बाद अपनी पुरानी दुश्मनी के भुलाते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया और राज्य में हुए उपचुनावों में उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का समर्थन किया। जिससे समाजवादी पार्टी सभी उपचुनाव में जीत दर्ज करने में कामयाब रही।

पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में दोनों ही पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ी थी, जिसका परिणाम यह हुआ कि राज्य में बसपा का सूपड़ा लगभग साफ हो गया और एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हुई। समाजवादी पार्टी के केवल पांच सीटें मिली थी और कांग्रेस दो सीटें जीत पाई थी। लोकसभा में बसपा का कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंच पाया था।

इसके बाद हुए उपचुनावों में सपा दो सीटें जीती और एक सीट पर रालोद प्रत्य़ाशी को जीत हासिल हुई।

भाजपा के बढ़ते जनाधार से घबराये अखिलेश और मायावती ने एक साथ आने का फैसला किया तो दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं में मानो जोश की लहर दौड़ पड़ी।

उपचुनावों में मिली जीत से दोनों ही पार्टियों के हौसले बुलंद हैं और मायावती तो देश की प्रधानमंत्री बनने का सपना पालने लगी हैं। इनका मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में एक साथ मिलकर लड़ने पर भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा और गठबंधन को भारी जीत मिलेगी। उसके बाद केंद्र में थर्ड फ्रंट की सरकार बनने का रास्ता साफ हो जाएगा।

Leave a Reply

Top