मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता ज्यूल ओराम ने खतरनाक तरीके से बैंकों के पैसे लेकर छू मंतर होने वाला विजय माल्या को ‘स्मार्ट’ कहे जाने पर शिवसेना ने सोमवार को कहा कि भाजपा को लिकर किंग विजय माल्या को अपने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ अभियानों के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में नामित कर देना चाहिए।
पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का दावा करते हैं, दूसरी तरफ, उनके पार्टी के नेता उन लोगों को स्मार्ट कहते हुए सुने जाते हैं जो मनी लॉंड्रिंग मामलों में देश से फरार हो गए हैं।
शिवसेना ने लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पार्टी के नेताओं से सार्वजनिक सभा के दौरान अपनी जीभ पर नियंत्रण रखने के लिए कहा है, लेकिन अभी भी कुछ नेता अपने मन के मुताबिक सार्वजनिक सभाओं में बोल रहे हैं।
ओराम के भाषण की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा कि ओराम ने भाजपा के असली चेहरे की पोल खोल दी है। जो लोग राहुल गांधी और शशि थरूर के मुसलमानों के विचारों के बारे में बात करते हैं उन्हें विजय माल्या के रूप में भाजपा को नया ‘ब्रांड अंबेसडर’ मिल गया है।
बाद में शिवसेना ने डीएसके ग्रुप के धोखाधड़ी के मामले और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के उदाहरणों का हवाला दिया और कहा कि अगर कोई भविष्य में उनकी प्रशंसा करना शुरू कर देता है तो यह आश्चर्यजनक नहीं होगा।
शुक्रवार को हैदराबाद में राष्ट्रीय जनजातीय उद्यमियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए, ओराम ने विजय माल्या को स्मार्ट बताया था। उन्होंने आदिवासियों को सफल उद्यमी बनने के लिए बैंकों से ऋण का लाभ उठाने के लिए माल्या के कदमों का पालन करने की सलाह दी।
ओराम ने सभा में कहा कि आप लोग विजय माल्या की आलोचना करते हैं। लेकिन विजय माल्या क्या है? वह बुद्धिमान है। उन्होंने कुछ बुद्धिमान लोगों को रोजगार दिया। उन्होंने बैंकरों, राजनेताओं, सरकार के साथ यहां कुछ और किया। उन्होंने उन्हें खरीदा। किसने आपको (स्मार्ट होने से) रोका? कौन आदिवासी ने सिस्टम को प्रभावित नहीं करने के लिए कहा? किसने आपको बैंकरों को प्रभावित करने से रोका।
हालांकि, शनिवार को ओराम ने अपने बयान के लिए माफ़ी भी मांगी।
ओराम ने कहा कि मैंने गलती से विजय माल्या का नाम लिया था। मुझे किसी और का नाम लेना चाहिए था। मुझे उसका नाम नहीं लेना चाहिए था, यह मेरी गलती थी।
गौरतलब है कि 62 वर्षीय माल्या वर्तमान में ब्रिटेन में अपने प्रत्यर्पण के संबंध में ब्रिटेन की अदालत में एक मुकदमे का सामना कर रहे हैं। उन्हें 9,000 करोड़ रुपये के साथ-साथ कई मनी लॉंडरिंग मामलों के लिए वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।