संसद के बुधवार से शुरू हो रहे माॅनसून सत्र में मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने अभी से कमर कस ली हैं। वहीं सरकार इस सत्र में तीन तलाक जैसे कई महत्वपूर्ण बिल पास कराना चाहती है, और ऐसा माना जा रहा हैं कि विपक्ष मॉब लिंचिंग, महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचारों के मसले पर सरकार को घेर सकते है। इन सब के बीच राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव भी होना हैं और माना जा रहा हैं कि सरकार इसी सत्र में चुनाव करवा सकती हैं।
इन बिल पर रहेगा सरकरा का जोर
संसद के बुधवार से शुरू हो रहे माॅनसून सत्र में हंगामे की आशंकाओं के बीच सरकार ने विपक्षी दलों से तीन तलाक विधेयक, पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा प्रदान करने संबंधी विधेयक, बलात्कार के दोषियों को सख्त दंड के प्रावधान वाले विधेयक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में सहयोग मांगा है। संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि माॅनसून सत्र के लिए सूचीबद्ध विधेयक लोकहित के हैं और सरकार इन्हें पारित कराने के लिए विपक्षी दलों से सहयोग का आग्रह करती है। इस सत्र के दौरान कुछ अध्यादेशों को भी विधेयक के रूप में पारित कराने के लिए पेश किया।
राज्यसभा के उपसभापति का चुनाव
माॅनसून सत्र के दौरान एक महत्वपूर्ण विषय राज्यसभा के उप सभापति के चुनाव से संबंधित भी है। आपको बता दें कि, पीजे कुरियन के उपाध्यक्ष पद से एक जुलाई को सेवानिवृत्त होने के बाद वे राज्यसभा के उपाध्यक्ष पद के चुनाव होने हैं। माना जा रहा हैं कि सरकार मॉनसून सत्र के दौरान ही चुनाव करवा सकती है। हालांकि, बीजेपी ने इस मसले पर अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। वहीं विपक्ष चुनाव के पक्ष में दिख रहा है। लेकिन तेलंगाना राष्ट्रीय समिति, अन्नाद्रमुक, बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस क्या रुख अपनाती है बहुत कुछ उस पर भी निर्भर करेगा। वहीं इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि कांग्रेस इस पद के लिए विपक्ष के उम्मीद को समर्थन दे सकती है। अभी तक किसी पार्टी ने ये नहीं कहा है कि वह अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। वहीं अंदरखाने में ऐसी चर्चा भी हैं कि टीएमसी या एनसीपी से विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार किसी को बनाया जा सकता है। विपक्ष मॉनसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति भी इस बैठक में बनाने की संभावना है।