पुणे। किसानों के संगठन के श्रमिक स्वाभिमानी शेतकरी संघ (एसएसएस) ने सोमवार सुबह पुणे के पास वाहनों को रोक दिया और सड़क पर दूध बहा दिया, मकसद यह था कि जिससे आसपास के शहरों में दूध की आपूर्ति से रोका जा सके।
शतकरी संगठन वर्तमान में दूध उत्पादकों के लिए दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की मांग कर रहा है।
इसी तरह की घटना में, पार्टी कार्यकर्ताओं ने रविवार को वर्धा से नागपुर तक दूध रखने वाले टैंकर को नष्ट कर दिया था।
#WATCH: Workers of Swabhimani Shetkari Sangathna set ablaze a truck of Rajhans Milk Shop in Washim’s Malegaon. Driver later escaped the fire without any injuries. The organisation is demanding price hike for milk farmers. #Maharashtra pic.twitter.com/LOSyim9oLj
— ANI (@ANI) July 16, 2018
नागपुर की घटना की जिम्मेदारी राज्य सरकार और पुलिस की थी। आज दोपहर 12 बजे विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, लेकिन पुलिस ने कल सुबह से संघ के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। पुलिस पहले कार्यकर्ताओं के घरों पर गई और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया, उन्हें गालियां दी। उसके बाद संघ की तरफ से कार्यकर्ताओं ने प्रतिक्रिया दी। एसएसएस नेता आर शेट्टी ने एएनआई को बताया कि हम शांतिपूर्वक विरोध करना चाहते हैं।
सरकार का कहना है कि दूध अन्य राज्यों, विशेष रूप से गुजरात और कर्नाटक से लाया जाएगा। हम ‘सत्याग्रह’ शुरू करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई दूध बाहर से नहीं लाया जाये। उन्होंने विरोध को सरकार द्वारा बाधित करने की रणनीति से जोड़ा।
सप्ताहांत में, कुछ दूध संघों ने एसएसएस को दूध की कीमतें 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ाने का वादा किया था। हालांकि, शेट्टी ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों पर 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी प्राप्त करने की मांग पर संकल्पित है।
गौरतलब है कि देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों की मांगे अलग-अलग हैं। कहीं, उनकी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है तो कहीं पर उनके पास संसाधन मौजूद नहीं हैं कि वे अपनी खेती कर सकें। कहीं पर सूखे की मार झेलनी पड़ रही है तो कहीं पर घनघोर बारिश से भी परेशान हैं। ऐसे में दुग्ध उत्पादक भला कैसे पीछे रह सकते हैं। उनके दूध की लागत भी तो बढ़ती जा रही है। इसलिए वे भी दूध की कीमतों में बढ़ोतरी करने की मांग को लेकर पर सड़क पर उतर रहे हैं।