पटना। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये की मांग को दुहराते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर सभी राजनीतिक दलों से समर्थन हासिल है।
नीतीश कुमार ने एक लोकसंवाद कार्यक्रम में कहा कि हम सन् 2006 से बिहार के लिए विशेष स्थिति दिये जाने की मांग कर रहे हैं। 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि विशेष स्थिति की आवश्यकता नहीं है। इसलिए हम इसके पीछे पड़े हुए हैं और 15वें वित्त आयोग के समक्ष इसे आगे बढ़ाएंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी दलों ने बिहार के लिए विशेष स्थिति की मांग का समर्थन किया है। हम अपनी मांग को आगे बढ़ाएंगे, क्योंकि हमारे पास विशेष स्थिति की मांग करने के लिए समुचित तर्क है।
इस मुद्दे पर चर्चा के लिए पिछले सप्ताह अशोक चौधरी की अध्यक्षता में जनता दल (यूनाइटेड) का एक छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने के लिए गया था। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार का यह बयान आया है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने जब लालू यादव का साथ छोड़ा था, तब उनसे राज्य को विशेष दर्जा दिये जाने का केंद्र सरकार ने वादा किया था। इसके साथ लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान पीएम मोदी अपने भाषणों में जोर-जोर से कहते थे कि राज्य की स्थिति बहुत चिंता जनक और हमारी सरकार बनने पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा। जो आज तक नहीं पाया। इस बात को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव नीतीश कुमार पर गाहे-ब-गाहे तंज किया करते हैं। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से कई बार गुहार लगा चुके हैं। लेकिन वित्तमंत्री की तरफ से कोई सकारात्मक जवाब अभी तक नहीं आया है।