उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जानें से तहसील परिसर का सारा कार्य बाधित है, जिससे आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
लेखपाल अपनी 8 सूत्री मांग को लेकर 3 जुलाई से सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार कर जिला मुख्यालय पर हड़ताल पर बैठे हैं। लेखपालों की है मांग कि जब तक हमारी मांगों का शासनदेश नहीं मिल जाता तब हम लोगों का हड़ताल जारी रहेंगे। लेखपालों ने कहा कि सरकार सारें लोगों को निलम्बित कर दे, सारे लोगों को जेल भेंज दे, लेकिन जब तक शासनदेश जारी नहीं हो जाता तब तक हम सभी लेखपाल ऐसी ही हड़ताल पर जारी रहेंगे। लेखपालों ने कहा कि हम इसी तरह हड़ताल पर बैठे रहेंगे, चाहें मेंरा धरना जेेल, मे चलें या रेल में चलें हम धरने के लिए तैयार हैं तब तक तैयार हैं जब तक सरकार हमारी 8 सूत्री मांगों का शासनदेश जारी नहीं कर देती है।
लेखपालों के उपर प्रदेश सरकार द्वारा एस्मा लगाये जाने के बावजूद जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न तहसीलों के लेखपाल संघ के अध्यक्षों को निलम्बित किये जाने के बावजूद भी जिले भर के लेखपालों का कलेक्ट्रेट मुख्यालय पर बैठकर धरना प्रदर्शन करना कहीं न कहीं ये साबित करता है कि इनके अंदर प्रदेश के मुखिया की बात का कोई असर नहीं है, और ये कुछ भी कर गुजरनें को तैयार हैं। इनके धरने पर बैठने से जिले भर में लगभग 35 लाख के आसपास आए जाती निवास आदि प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहें हेैं, लोग दिन भर तहसीलों का चक्कर लगा रहें है और उन्हें सम्बन्धित प्रमाण पर नही मिल पा रहा है, जिसके कारण उनकी बच्चों का पढ़ाई का कार्य बाधित हो रहा है और वे इसके लिए कहीं न कहीं प्रदेश सरकार को दोषी मान रहें हैं।
हिंद न्यूज टीवी के लिए जौनपुर से अभिषेक पांडे