जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने केद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है, कि कश्मीर में वोटिंग के अधिकार को 1987 की तरह खारिज करने का परिणाम खराब होंगे। मुफ्ती ने कहा अगर केंद्र सरकार पीडीपी को बांटने का काम करेगी, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने को मिलेंगे।
लगातार खबरें आ रही हैं, कि बीजेपी जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के विधायकों की मदद से राज्य में हिन्दू मुख्यमंत्री की नियुक्ति करना चाहती है, हालांकि अभी तक इस बात की पुष्टी नही हुई है, लेकिन बीजेपी और पीडीपी दोनों के सूत्रों से खबर आ रही है, कि अगस्त में अमरनाथ यात्रा की समाप्त होने के बाद जम्मू कश्मीर की राजनीतिक व्यवस्था में अहम बदलाव देखने को मिल सकते है।
बता दें, कि इस साल जून में बीजेपी सरकार ने खुद को महबूबा मुफ्ती की सरकार से अलग कर लिया था। इसके बाद अन्य पार्टियों ने राज्यपाल शासन का समर्थन किया था, लेकिन शुरू से ही कयास लग रहे हैं कि बीजेपी अन्य पार्टियों के विधायकों को तोड़कर सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है।
जम्मू कश्मीर विधानसभा में लगभग 87 सीटें हैं, जिसका मतलब साफ है, कि यहां किसी को भी अपनी सरकार बनाने के लिए 44 सीटों की आवश्यकता होगी। बीजेपी के पास फिलहाल इस समय 25 विधायक हैं, इसलिए बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 19 और विधायकों की जरूरत होगी।
वैसे पीडीपी के अलावा कोई भी दल बीजेपी के साथ समर्थन के लिए तैयार नही है। ऐसे में अगर बीजेपी जम्मू कश्मीर में सरकार बनाना चाहती है, तो उसे पीडीपी से कम से कम 17 विधायकों की जरूरत होगी।