प्रदेश सरकार प्रसूताओं व लाडली लक्ष्मी के जन्म पर उत्सव सहित तमाम योजनाएं चला रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में एक प्रसूता द्वारा अस्पताल परिसर में ही ऑटो में बच्ची को जन्म देने का मामला सामने आया है। दरअसल, भैंसरौली गाँव के भगवान सिंह के पुरा की रहने वाली ज्योति सिकरवार को प्रसव पीड़ा होने पर प्रसूता के परिजनों ने 108 एम्बुलेंस को कई बार फोन लगाया, लेकिन उन्हें हर बार कहा गया कि अभी गाडी नहीं हैं।
एक घंटे में एम्बुलेंस आने की बोल कर तीन घंटे तक एम्बुलेंस नहीं आयी। तीन घंटे इन्जार करने के बाद जब प्रसूता को प्रशव पीड़ा अधिक होने लगी तब परिजन प्रसूता को गाँव से एक ऑटो किराये से लेकर 50 किलोमीटर दूर मुरैना जिला अस्पताल मे लेकर पंहुचे। प्रसूता के परिजन दौड़कर अंदर स्ट्रेचर लेने और नर्स को बुलाने गए। जिला अस्पताल में भी मौजूद नर्सो ने अभी आते है कहकर उन्हें वापिस कर दिया और उन्हें स्ट्रेचर भी नहीं दिया गया। जब तक प्रसूता अस्पताल परिसर में ही ऑटो में ही लेटी रही और उसे अधिक प्रसव पीड़ा होनी शुरु हो गई तो आसपास खड़ी महिलाओं ने ऑटो के चारों तरफ कपडे लगा दिया और आनन – फानन में एक अस्पताल की स्वीपर (दाई) को अंदर से बुलाया गया जिसने प्रसूता की प्रसव के दौरान हुई बच्ची को संभाला और उसका नाड़ा काट कर बच्ची को परिजनों को सौप दिया।
जब खुले में ऑटो के अंदर महिला को प्रसव हो रहा था उस दौरान ऑटो के आसपास काफी भीड़ जमा हो गई थी जिससे प्रसूता व उसके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पूरे मामले में 108 एम्बुलेंस और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आ रही है। कुल मिलाकर प्रदेश सरकार प्रसूताओ के लिए तमाम तरह की योजनाए चला रही है जिसमे जननी सुरक्षा योजना भी शामिल है लेकिन प्रसूता ज्योति को किसी भी तरह की कोई सुविधा नही मिली जिसके चलते उसे अस्पताल परिसर के ऑटो में ही बच्ची को जन्म देना पडा।
हिंद न्यूज टीवी के लिए मुरैना से गिर्राज शर्मा