खेड़ा (गुजरात)। गुजरात के विकास मॉडल का ढिंढोरा सूमचे देश में पीटा जाता है और कहा जाता है कि ऐसा विकास हुआ है जिसे देखकर लोग दंग रह जाते हैं। उसका पूरे देश में प्रचार किया जाता है। नेता लोग अपने भाषण में कहते हैं कि अगर फलां राज्य में आपने हमारी सरकार बनाई तो हम आपके राज्य में गुजरात की तरह विकास की गंगा बहाएंगे।
लेकिन नेताओं के भाषणों के उलट सच्चाई कुछ और ही नजर आती है। इस तस्वीर को देखकर आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि यह असली गुजरात का विकास मॉडल है। जहां पर स्कूली बच्चे की जान को जोखिम में डालकर पुल को पार करवाया जा रहा है। यह पुल गुजरात के खेड़ा में स्थित है और यहां पर नाइका और भेराई गांव के लोगों की इस पुल से आवाजाही रहती है। इस पुल को टूटे हुए लगभग दो माह बीत गए हैं, लेकिन कोई भी सरकारी अधिकारी इसकी जानकारी लेने तक नहीं आया है। यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर हम इस तरह से पार करके न जायें तो एक किमी की दूरी तय करने के लिए 10 किमी जाना पड़ता है।
वहीं, खेड़ा के जिलाधिकारी आईके पटेल का कहना है कि निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।
#WATCH: School children crossing a bridge between Naika & Bherai village of Kheda district. The bridge broke down 2 months ago. #Gujarat pic.twitter.com/7ToM5W783I
— ANI (@ANI) July 11, 2018
आपको बता दें, गुजरात के खेड़ा जिले में सात विधानसभा क्षेत्र हैं। जहां पर कुल मतदाताओं की संख्या 15, 29, 132 है और यहां की साक्षरता दर 70.59 फीसद है। यहां की विधानसभा की ज्यादातर सीटें भारतीय जनता पार्टी के पास हैं। लेकिन खेड़ा की सुधि लेने वाला कोई नहीं है, जो इन बच्चों की मजबूरी को समझ सके।
गौरतलब है कि गुजरात में लगातार चौथी बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है और इसके पहले पीएम मोदी लगातार 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे। चारोंतरफ विकास का ढिंढोरा पीटने वाले गुजरात के नेताओं को खेड़ा की यह परेशानी क्यों नहीं दिखती है?