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JIO यूनिवर्सिटी का कोई अस्तित्व ही नही और सरकार ने दिया एक्सीलेंट इंस्टीट्यूट का दर्जा

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देश के 6 शिक्षण संस्थानों को उत्कृष्ट संस्थानों यानी एक्सीलेंट इंस्टीट्यूट का दर्जा दिया गया है।यह सम्मान इन संस्थानों को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दिया है,लेकिन खास बात यह है कि सरकार की ओर से एक ‘बिना अस्तित्व’ वाली कॉलेज या यूनिवर्सिटी को उत्कृष्ट संस्थान में शामिल किया गया है, जिसका इंटरनेट पर भी कोई अस्तित्व नहीं दिख रहा है।

दरअसल इन संस्थानों में 3 सरकारी और 3 निजी संस्थान को शामिल किया गया हैं, और 3 निजी संस्थानों में से एक ऐसा नाम भी है, जिसका कोई अस्तित्व ही नही है और उसे उत्कृष्ट संस्थानों में शामिल कर लिया गया है।इस संस्थान का नाम है जियो इंस्टीट्यूट। ये नाम न पहले कभी सुना गया है न ही आज तक कभी इसे प्रचार-प्रसार में कभी देखा गया है।

वैसे रिपोर्ट्स की मानें तो जियो इंस्टीट्यूट रिलायंस का ही एक संस्थान है, और रिलायंस की तरफ से इसकी जानकारी भी दी गई है लेकिन अभी तक इस संस्थान ने काम करना शुरू नहीं किया है।ऐसे में सरकार की ओर एक ‘बिना अस्तित्व’ वाले कॉलेज या यूनिवर्सिटी को उत्कृष्ट संस्थान में शामिल करने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भी इन संस्थानों का नाम घोषित करते हुए जियो इंस्टीट्यूट का कोई ट्विटर हैंडल नहीं मिला और उन्हें भी ऐसे ही इसका नाम लिखना पड़ा।

हमनें जियो इंस्टीट्यूट को ग्रीनफील्ड कैटेगरी के तहत चुना है, जो कि नए संस्थानों के लिए होती है और उनका कोई इतिहास नहीं होता है।हमनें प्रपोजल देखा और इसके लिए चुना, उनके पास स्थान के लिए प्लान है, उन्होंने फंडिंग की है और उनके पास कैंपस है और इस कैटेगरी के लिए आवश्यक सबकुछ है- एन गोपाल स्वामी(पैनल अधिकारी)

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