लखनऊ। माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या के बाद उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी हो गया है। जौनपुर जिले का रहने वाला मुन्ना बजरंगी हत्या, रंगदारी, फिरौती जैसे अनेकों संगीन मामलों में सलाखों के पीछे झांसी जेल में बंद था, जिसे बागपत में रंगदारी की मामले में चल रहे केस को लेकर बागपत के कोर्ट में पेशी होनी थी। जिसके लिए मुन्ना को झांसी से बागपत लाया गया था। लेकिन बागपत की जेल में पहुंचने पर सुबह जेल के पार्क में मार्निंग वाक कर रहे मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जेल में हुई हत्या पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश की बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा-
“वर्तमान में उत्तर प्रदेश में, कोई कानून और व्यवस्था नहीं है, प्रदेश की स्थिति भयावह हो गई है, लोगों के मन में डर का माहौल है। लोग घबरा रहे हैं। अपराधी बेखौफ हो गए हैं। उनमें डर नाम की चीज नहीं रह गई है। जेल में हत्या कर दी जा रही है। ये सरकार की विफलता है। राज्य के लोग बहुत डरे हुए हैं; राज्य ने पहले इस तरह के भ्रष्टाचार और अराजकता को कभी नहीं देखा है।
सोमवार को बागपत जिला जेल के अंदर मुन्ना बजरंगी को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसका जुर्म सुनील राठी ने कुबूल कर लिया है। उसने कहा है कि जेल के अंदर रिवाल्वर मुन्ना बजरंगी ही लेकर आया था। सुबह के वक्त टहलते हुए दोनों में कुछ कहा सुनी हुई जिसके बाद मुन्ना ने सुनील पर रिवाल्वर तान दी, उसके बाद सुनील ने रिवाल्वर छीनकर उसे गोली मारी। गोली मारने के बाद उसने रिवाल्वर को गटर में फेंक दिया, जिसे बाद में पुलिस ने रिकवर कर लिया।
जेल में हुई हत्या को अधिकारियों की लापरवाही मानते हुए जेलर, डिप्टी जेलर, हेड वार्डन और वार्डन को निलंबित कर दिया गया है।
बजरंगी के वकील विकास श्रीवास्तव ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हाल के दिनों में बजरंगी की जान को खतरे के बारे में जानकारी थी।
इसके अलावा, बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके पति राज्य पुलिस की हिट लिस्ट में थे।