सुप्रीम कोर्ट ने आज मिसाल पेश करते हुए निर्भया कांड के दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा हैं। इससे पहले दोषियों की तरफ से फासी की सजा के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर की थी जिसे आज खारिज कर दिया गया। इस आदेश के बाद पवन, विनय, मुकेश और अक्षय को होगी फासी।
इस आदेश के आने के बाद दोषियों के वकिल एपी सिंह ने कहा कि, “हमारे साथ अन्याय हुआ है, हर किसी के साथ न्याय किया जाना चाहिए। बच्चों (अभियुक्त) के साथ अन्याय किया गया है। यह निर्णय राजनीतिक, सार्वजनिक और मीडिया दबाव के कारण आया है”
Justice should be served to everyone. Injustice has been done to the children (convicts). This decision has come due to political, public & media pressure: AP Singh, Counsel of the three accused of 2012 Delhi gang rape case who had filed a review petition in Supreme Court pic.twitter.com/2bjVjrGnzk
— ANI (@ANI) July 9, 2018
वहीं इस आदेश के बाद निर्भया के पिता बद्रीनाथ सिंह ने कहा कि, “हम जानते थे कि समीक्षा याचिका खारिज कर दी जाएगी। लेकिन आगे क्या ? इस दौरान कितना समय बीत चुका है, इतना समय बीत चुका है, और खतरा बढ़ गया है। मेरा मानना है कि जल्द ही उन्हें फांसी दी गई है, बेहतर यही होगा।
We knew that review petition will be dismissed. But what next? So much time has gone by & threat to women have gone up in this span. I believe sooner they’re hanged, better it is: Badrinath Singh,father of 2012 Delhi gang-rape victim on SC’s dismissal of 3 accused review petition pic.twitter.com/75xWcRmVOA
— ANI (@ANI) July 9, 2018
दिल्ली का एक ऐसा मामला जिसने पूरी की पूरी राजधानी को हिलाकर रख दिया था वो मामला था,“निर्भया रेप कान्ड” जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट आज कोई बड़ा फैसला लेते हुए चार में से तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेगा।अपको बता दें कि इसी निर्भया कांड के दोषियों में शामिल अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर नहीं की है।
लेकिन जल्द ही दोषी अक्षय के वाकील भी इसे दाखिल करेंगे।सुप्रीम कोर्ट के 2017 के फैसले के मुताबिक निर्भया से की गई हैवानियत और हत्या के मामले में इन दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है।
क्या था पूरा मामला-
23 वर्षीय निर्भया के साथ 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली के दक्षिण इलाके में चलती प्राईवेट बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था और उसे घायल करके सड़क के किनारें फेंक दिया था।सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में 29 दिसंबर 2012 को इलाज के दौरान निर्भया की मौत हो गई थी।
छह आरोपियों में से राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी और आरोपियों में शामिल एक नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड ने दोषी ठहराया था और तीन साल के लिए सुधार गृह में पूरे होने के बाद रिहा कर दिया गया था।