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उत्तराखण्ड के सीएम पर झारखंड से लगा विधायकों को खरीदने का आरोप

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झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को एक चिट्ठी सौंपी है। जो चिट्ठी राज्यपाल को लिखी गई है उसमें लिखा है कि झारखंड विकास मोर्चा के सभी छह विधायक, जो झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए, उन्होंने पैसे लेकर बीजेपी का दामन थामा है। साथ ही चिट्ठी में यह भी लिखा है कि किस विधायक को किस नेता ने किसके संरक्षण में कितने पैसे दिये।

बाबूलाल मरांडी की माने तो यह चिट्ठी भाजपा के तत्कालीन झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र राय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को लिखी है।  चिट्ठी तत्कालीन झारखंड प्रदेश के प्रभारी त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजी गयी।  इस चिट्ठी में लिखा है कि झारखंड विकास मोर्चा के सभी छह विधायक, जो झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए, उन्होंने पैसे लेकर बीजेपी का दामन थामा।  इतना ही नहीं, इस चिट्ठी में यह भी लिखा है कि किस विधायक को किस नेता ने किसके संरक्षण में कितने पैसे दिये।

चिट्ठी के अनुसार ,  सिमरिया के विधायक गणेश गंझू ने चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह से बीजेपी में शामिल होने के लिए दो करोड़ रुपये  लिये जबकि मामले की निगरानी राकेश प्रासद कर रहे थे। वहीं  रणधीर कुमार सिंह, जो सारठ से विधायक हैं, उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के लिए दो करोड़ रुपये महेश पोद्दार (जो अभी झारखंड से राज्यसभा सांसद हैं) से लिये इस मामले की निगरानी दीपक प्रकाश कर रहे थे। नवीन जायसवाल, जो हटिया से विधायक हैं, उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के लिए दो करोड़ रुपये नगर विकास मंत्री सीपी सिंह से लिये इस मामले की निगरानी प्रदीप कुमार वर्मा कर रहे थे।  अमर कुमार बाउरी, जो चंदनकियारी से विधायक हैं, उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के लिए एक करोड़ रुपये विधायक विरंची नारायण से लिये। मामले की निगरानी संजय सेठ कर रहे थे। आलोक कुमार चौरसिया, जो डाल्‍टनगंज से विधायक हैं, उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के लिए दो करोड़ रुपये अनंत ओझा से लिये, मामले की निगरानी उषा पांडे कर रही थीं। जानकी कुमार यादव, जो बरकट्ठा से विधायक हैं, उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के लिए दो करोड़ रुपये मुख्यमंत्री रघुवर दास से लिये, मामले की निगरानी राजेंद्र सिंह कर रहे थे।

 

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