डॉक्टर्स की हड़ताल ने ली मासूम की जान, जिला अस्पताल में हंगामे के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही कराने डॉक्टर थे हड़ताल पर
दमोह जिला अस्पताल में डॉक्टर्स की हड़ताल से अफरा-तफरी का माहौल नजर आया, इस दौरान एक 2 साल के मासूम की इलाज के अभाव में मौत हो गई, एक रात पहले जिला अस्पताल में हुए हंगामे में आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए जिला अस्पताल के सभी डॉक्टर और नर्स हड़ताल पर थे।
दरअसल, दमोह जिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ काम बंद कर हड़ताल पर हैं थे वजह थी एक रात पहले जिला अस्पताल में बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ रामकृष्ण कुसमरिया के बेटे रामू कुसमरिया और उनके साथियों द्वारा जमकर हंगामा किया गया था। इस बात की शिकायत स्टाफ नर्स द्वारा पुलिस में की गई लेकिन पुलिस द्वारा कार्यवाही के नाम पर केवल औपचारिकताएं की गई उसके बाद अगले दिन सुबह डॉक्टर द्वारा हड़ताल की गई। जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर्स की माने तो उनके द्वारा पुलिस को आरोपियों की जानकारी दी गई थी लेकिन पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ समय रहते कोई कार्यवाही नहीं की गई यही वजह है कि वह हड़ताल पर हैं।
डॉक्टर्स के हंगामे के बाद पुलिस द्वारा कार्यवाही का भरोसा दिया गया है इसके बाद डॉक्टर काम पर वापस लौट गए हैं। पुलिस, डॉक्टर और नेताजी के बीच चली इस गहमागहमी में एक मासूम की जान चली गई, एक घर का चिराग बुझ गया। पुलिस ने कार्यवाही का भरोसा दिया, डॉक्टर्स काम पर लौट गए, सब शांत हो गया है और शांत हो गया उस घर का चिराग भी जो ईलाज के लिए अस्पताल आया था और शायद ये पूछने वाला भी कोई नही जी इसका जिम्मेदार कौन ? और इसका कोई जिम्मेदार भी नहीं होगा।
हिंद न्यूज टीवी के लिए दमोह से दीपक सेन