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बिहार में संकट में NDA, JDU ने कहा- 2019 को 2014 समझने की भूल न करे BJP

बिहार में संकट में NDA, JDU ने कहा- 2019 को 2014 समझने की भूल न करे BJP

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नई दिल्ली। बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। 21 जून को योग दिवस कार्यक्रम से दूरी बनाने वाले नीतीश कुमार को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही। इसके साथ अब सीटों के बंटवारे को लेकर भी खबरें आ रही हैं।

दरअसल, जेडीयू अब एनडीए भागीदारों के बीच एक सहमति चाहती है जो लोकसभा 2019 और आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में प्रत्येक पार्टी की सीटों की हिस्सेदारी को तय करे। जेडीयू के सूत्रों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि गठबंधन में मुख्य भागीदार भाजपा समय रहते इसका हल ढूंढ़ने का प्रयास करेगी। लेकिन अभी भाजपा की तरफ से इसको लेकर कोई प्रस्ताव अभी तक नहीं आया है।

‘सभी घटक दल एक साथ बैठें’ जब आगामी दोनों चुनावों में पार्टी के सीटों की संख्या पर सवाल किया गया, तो सूत्र ने कहा कि जेडीयू को नंबर की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि सभी घटक दल एक साथ बैठें और अपनी हिस्सेदारी तय करें, जमीन वास्तविकताओं को देखते हुए सीटों का बंटवारा सबकी सहमति से किया जाए।

2019 का माहौल 2014 जैसा नहीं’ है। लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि बीजेपी 2014 लोकसभा चुनावों के परिणाम को आधार बनाती हैं, तो सूत्रों ने कहा कि यह तर्क सही नहीं होगा, क्योंकि यह याद रखना होगा कि 2019 का माहौल 2014 जैसा नहीं है। सूत्र ने ये भी कहा कि उप-चुनावों के नतीजे बताते हैं कि जनता के मूड में बहुत अधिक बदलाव आया है।

एनडीए को 2014 में 31 मिलीं थी सूत्रों ने बताया कि एनडीए को 2014 में बिहार में 40 लोकसभा सीटों में से 31 मिलीं थी, 243 विधानसभा क्षेत्रों में से 173 पर जीत मिली थी। अकेले बीजेपी को 22 सीटें मिलीं। जेडीयू को केवल दो सीटें मिल पाई थी, तो क्या वे ऐसी उम्मीद कर सकते हैं कि हम केवल दो सीटों पर ही उम्मीदवार उतारें।

जेडीयू के सूत्रों ने बताया कि इस लिहाज से फिर 2015 के विधानसभा परिणामों पर भी गौर किया जाना चाहिए। जेडीयू ने 71 विधानसभा सीटें जीती थीं, जिनमें से बीजेपी के खिलाफ 53 सीटें थी। राम विलास पासवान की एलजेपी के 6 एमपी हैं, लेकिन बिहार में उनके केवल दो विधायक हैं। जबकि उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएसपी की लोकसभा में तीन सीटें थीं लेकिन विधानसभा में केवल दो विधायक। क्या वो लोग इन सीटों की संख्या पर सहमत होंगे।

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