मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना मजाक भर बन कर रह गयी हैं। शादी समारोह में पहुंची युवती का दूल्हा शादी के लिए नहीं पहुंचा, जिसके कारण युवती को बिना शादी ही अपने घर लौटना पड़ा। हाथों में रची मेहंदी सजी की सजी रह गई। वहीं एनजीओ ने युवती के रजिस्ट्रेशन से साफ इनकार किया। इस दौरान समारोह में हंगामा खड़ा हो गया। युवती की माँ ने एनजीओ संचालिका पर रुपये लेने का लगाया आरोप।
दरअसल, अलीगढ़ के नुमाइश ग्राउंड स्थित कृष्णांजलि में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसमें हिन्दू-मुस्लिम के 42 जोड़ों को उन्ही के धर्म के आधार पर शादी के बंधन में बांधा गया, लेकिन इसी कार्यक्रम में एक मण्डप पर अचानक हंगामा शुरू व तो सभी की नजरें उस ओर गई और पूछताछ शुरू हो गई। जानकारी करने पर पता चला कि एक युवती हाथों में मेहंदी लगाए हुए दुल्हन के लिबास में बैठी हुई है, उसका और उसके परिवारीजनों का कहना था कि जिस लड़के से उसकी शादी होनी थी वह मंडप में नहीं पहुंचा है।
इसी इंतजार के बीच हंगामा अधिक बढ़ गया और अधिकारी भी पूछताछ करने लगे तो पता चला कि जिस लड़की को विवाह के उद्देश्य से दुल्हन बनाकर लाया गया है, उसका रजिस्ट्रेशन है ही नहीं। एनजीओ द्वारा जब यह बात कही गई तो लड़की की माँ ने एनजीओ पर रूपये लेने का आरोप लगा दिया। माहौल इतना बिगड़ गया कि मंच से सीडीओ दिनेश चंद्र शर्मा को कहना पड़ा कि किसी का विवाह जबरन नहीं किया जा सकता है, और वहीँ उम्र का भी अल्टीमेटम दिया, जिला समाजकल्याण अधिकारी विस्तृत जानकारी दी। हालाँकि यह सब होने से पहले ही मंत्री सुरेश राणा जोड़ियों को आशीर्वाद देकर जा चुके थे।
हिंद न्यूज टीवी के लिए अलीगढ़ से अजय कुमार