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न्यायमूर्ति चेलमेश्वर हो रहे हैं रिटायर, अटक सकती है के एम जोसेफ की पदोन्नति

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मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के बर्ताव और न्यायपालिका के कामकाज के खिलाफ प्रेस काफ्रेंस करने वाले न्यायमूर्ति चेलमेश्वर  आज सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के बाद अक्टूबर में न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा भी सेवानिवृत्त होने वाले हैं। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के जाने  से आखिर क्या बदेलगा एक नजर उस पर।

कोलेजियम का बदलेगा स्वरूप 

आज न्यायमूर्ति चेलमेश्वर सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। जिसके बाद से उच्चतम न्यायालय की कोलेजियम का स्वरूप बदल जायेगा। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के नंबर दो के जज है। इनके रिटायर दोनो के बाद उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ की शीर्ष अदालत में संभावित पदोन्नति की प्रक्रिया में अब विलंब हो सकता, क्योंकि न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के जाने के बाद से कोलेजियम का स्वरूप बदल जाएगा। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर के सेवानिवृत्त होने के बाद न्यायमूर्ति सीकरी कोलेजियम के सदस्य बनेंगे।

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर का करियर

आन्ध्र प्रदेश से आने वाले न्यायमूर्ति चेलमेश्वर केरल और गुवाहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। 64 साल के जस्टिस चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठ जज हैं। बतौर जज उन्होंने अपना करियर आन्ध्र प्रदेश हाईकोर्ट से शुरू किया, जहां वो 1997 में एडिशनल जज बने। 2007 में वो गुवाहाटी के चीफ जस्टिस बने और 2010 में केरल हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने। अक्टूबर 2011 में वो सुप्रीम कोर्ट के जज बने।

आधार पर दिया था फैसला

न्यायमूर्ति चेलमेश्वर का इस साल का कार्यकाल विवादों भरा रहा, जे चेलमेश्वर ने चीफ जस्टिस के खिलाफ प्रेस वार्ता कर न्यायपालिका और चीफ जस्टिस के बर्ताव पर कई सवाल खड़े किए थे। साथ ही न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने आधार पर फैसला देते हुए कहा था आधार कार्ड न दोने की स्थिति में किसी भारतीय नागरिकों को बुनियादी सेवाओं और सरकारी सब्सिडी से वंचित नहीं किया जा सकता हैं।

 

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