एनसीआर का एक इंस्टिट्यूट स्कॉलरशिप दिखाकर सरकारी वजीफा खा रहा था।यही नहीं 70 कॉलेजों के फर्जी टीसी के आधार पर स्टूडेंट्स से पैसे लेकर एडमिशन भी दिलवा रहा था।इसका खुलासा पुलिस ने किया है,और दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है,जिनमें एक एडमिशन इंचार्ज है।
यही नहीं आरोप है कि कैट और मैट जैसी परीक्षा के फ़र्ज़ी स्कोर कार्ड भी यहां पर तैयार किए जा रहे थे।इन्हीं के बेसिस पर एडमिशन दिलवाया जाता था और फर्जी स्कॉलरशिप लिस्ट भी तैयार कर दी जाती थी।जिससे स्कॉलरशिप का झांसा देकर मोटी रकम वसूली जाती थी।
कॉलेज में किस तरह का हो रहा था फर्जीवाड़ा–
दरअसल सरकार हर कॉलेज को इस बात की छूट देती है कि वहां पर जो मेधावी स्टूडेंट हैं,उनको स्कॉलरशिप दी जाएगी।सरकार को एक डाटा भेजना होता है कि कितने स्टूडेंट यहां पर मेधावी हैं।इनके फर्जीवाड़े का सबसे अहम पार्ट यह था कि फर्जी दस्तावेजों और फर्जी टीसी के आधार पर यह सरकार को जो डाटा भेजते थे,उसमें फर्जी स्टूडेंट्स को दिखा दिया जाता था कि वह मेधावी स्टूडेंट्स हैं।
इन में बीटेक, बीबीए ,एमटेक, MBA समेत कई कोर्स के स्टूडेंट दिखाए जाते थे और फर्जी स्कालरशिप दिखाकर सरकार से वजीफा भी ले लिया जाता था।जिसे कॉलेज प्रशासन के यह दो लोग डकार जाते थे। हालांकि पुलिस इस बात से इंकार नहीं कर रही है कि कॉलेज के अंदर और लोग भी इस मामले में शामिल हो सकते हैं।कॉलेज से दस्तावेजों का जखीरा बरामद किया गया है।पुलिस जांच के बाद आगे भी गिरफ्तारियां होने के आसार हैं।
[हिन्द न्यूज टीवी के लिए गाज़ियाबाद से रमन शर्मा की रिपोर्ट]