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कैबिनेट मंत्री बनते ही स्वामी अखिलेश्वरानंद ने की सीएम से मांग, राज्य में बने गौ मंत्रालय

कैबिनेट मंत्री बनते ही स्वामी अखिलेश्वरानंद ने की सीएम से मांग, राज्य में बने गौ मंत्रालय

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भोपाल। मध्य प्रदेश (एमपी) सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर अपनी प्रोन्नति के बाद स्वामी अखिलेश्वरानंद ने बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से राज्य में गौ मंत्रालय बनाने की अपील की।

उनका मानना ​​था कि यदि राजस्थान में गौ सचिवालय हो सकता है, तो लोगों की खुशी के लिए और राज्य के कल्याण के लिए गौ मंत्रालय का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंत्रालय का गठन होने पर राज्य में और भी बजट आएगा और वह चाहते हैं कि गाय को पशु की श्रेणी से हटा दिया जाए।

एएनआई से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि इससे पहले भी वह इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात कर चुके हैं।

सीएम ने उस समय मुझसे कहा था कि वह सभी गौशालाओ को बहाल कर देंगे, और धन की कोई कमी नहीं आने देंगे। इसके लिए केवल इच्छाशक्ति और कारण के प्रति वचनबद्धता की आवश्यकता है। इसको लेकर अब मैं और भी आश्वस्त हो गया हूं, क्योंकि अब मैं मनरेगा कमिटी का अध्यक्ष भी हूं।

इस योजना के तहत राज्य को 15000 करोड़ रुपये मिले। मैंने उनसे पूछा कि वे कितना खर्च करते हैं, उन्होंने मुझे बताया कि वे शायद ही कभी इसका आधा खर्च कर सकें। इसलिए मैंने उनसे पूछा कि उसमें विलंब क्यों हुआ। आप गाय संरक्षण बोर्ड का हिस्सा हैं, मुझे 1000 करोड़ रुपये का बजट दीजिए, मेरे पास उसका समुचित कारण भी है और मजबूत इच्छाशक्ति भी है, उन्होंने मुझे बताया कि मैं कोई असंवैधानिक मांग नहीं कर रहा हूं। इसका जवाब वे मुझे बाद में देंगे।

13 जून को, एमपी सरकार ने अखिलेश्वरानंद, पूर्व में राज्य के गाय संरक्षण बोर्ड के अध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री के पद पर प्रोन्नति दी। इसके पहले उन्हें राज्यमंत्री (एमओएस) का दर्जा दिया गया था। इनके साथ पांच अन्य संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था, जिसमें एक भय्यू जी महराज भी थे। जिन्होंने खुद को गोली मारकर आत्म हत्या कर ली।

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