जालौन के उरई जिला कारागार में विचाराधीन एक कैदी ने आग लगा ली।कैदी को जलता हुआ देख जेल प्रशासन आनन-फानन में उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।घटना की जानकारी जब मतृक के रिशतेदारों को हुई तो वह मौके पर पहुंचे और उन्होने इस मामले में जेल प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया,साथ ही इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच की मांग की।
मामला उरई जिला कारागार का है।जहां पर अपने पुत्र की मौत के मामले में उरई का राजेन्द्र नगर निवासी मूलचंद्र प्रजापति कई दिनों से बंद था।रात्रि के समय उसने बैरक की बाथरूम में जाकर खुद को आग के हवाले कर दिया।आग जलते देख बैरक में बंद कैदियों ने शोर मचाना शुरू कर दिया।
कैदियों का शोर सुनते ही जेल के कर्मचारी बैरक में पहुंचे और उन्होने मूलचन्द्र को आग से झुलसा देख उसकी आग बुझाई और आनन-फानन में उसे इलाज के लिये जिला अस्पताल ले आए।जहां हालत बिगड़ती देख चिकित्सकों ने इलाज शुरू कर दिया,लेकिन कुछ देर बाद उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
मतृक के परिजनों और रिश्तेदारों ने जेल प्रशासन पर प्रताड़ित करने और लापरवाही का आरोप लगाया है।मतृक कैदी के रिश्तेदारों ने बताया कि मूलचन्द्र को उसके लड़के की मौत के आरोप में जेल भेजा गया था।मूलचन्द्र के लड़के ने कुछ समय पहले आग लगाकर जान दे दी थी,इस मामले में लड़के के ससुरालजनों ने उसके पिता को ही दोषी बना दिया था,जिस आरोप में वह बंद था।
[हिन्द न्यूज टीवी के लिए जालौन से विक्की प्रजापति की रिपोर्ट]