आरपीएफ और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के पर्चे लीक करके अभ्यर्थियों को नकल कराने के मामले में वांछित सरगना अरविंद राणा व उसके गिरोह के साथियों की तलाश में क्राइम ब्रांच और पुलिस ताबड़तोड़ दबिश तो दे रही है लेकिन अब तक इनटेलिजैंस ब्यूरों से लेकर पुलिस के अहम अधिकारियों तक के हाथ इस गैंग की हवा तक को नही छु पाए हैं।
पूरे उत्तर भारत में फैले अरविंद के नेटवर्क को तलाशने के लिए क्राइम ब्रांच की टीमों ने छापे मारे की लेकिन खाली हाथ लौट गए।सूत्रों के अनुसार अरविंद के गिरोह में दाहा-दोघट क्षेत्र के कुछ युवक शामिल हैं और पिछले कुछ समय में ही इन्होंने करोड़ों की संपत्ति जुटा ली है।10 साल से अरविंद बड़ौत में रहकर कोचिंग सेंटर और इसकी आड़ में पेपर लीक करने का धंधा जमा चुका था।
इस दौरान उसके साथ छपरौली और दाहा क्षेत्र के कई युवक जुड़ गए।करीब दो साल पूर्व शेरपुर लुहारा निवासी एक युवक जो अरविंद का साथी था,पेपर लीक मामले में पुलिस के हत्थे चढ़ा था।इसके बाद अरविंद ने बड़ौत का कोचिंग सेंटर बंद कर दिया था पर उसका नेटवर्क कमजोर नहीं हुआ।
अब क्राइम ब्रांच इनका इनके बैंक खातों और अन्य बिंदुओं पर जानकारी जुटा रही है।लेकिन अपको याद दिला दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2018 का आयोजन प्रदेश भर में 18 और 19 जून को हुआ है।
इस परीक्षा का आयोजन यूपी पुलिस में रिक्त पड़े करीब 41 हजार से ज्यादा पदों को भरने के लिए किया जा रहा है और इस परीक्षा में पेपर लीक कराने की जिम्मेवारी लेते हुए राणा गैंग अब तक कई परीक्षार्थियों से एडवांस पैसे ले चूका है और फिलहाल मिल रही खबरों के अनुसार इस गैंग के हर एक मैम्बर का फोन पिछलें 15 दिनों से बंद ही जा रहा है।