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दाती महाराज की ये 4 कहानियां, जिन्हें जान अचरज में पड़ जाएंगे आप

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दाती महाराज के टीवी पर आपने कई प्रवचन सुनें होंगे, हो सकता है कई बार अपनी कुंडली भी उनको दिखाई हो क्योंकि वो ज्योतिषी का काम करता है, लेकिन इन दिनों दाती महाराज पर आरोप है कि उन्होंने 25 वर्षीय युवती से दुष्कर्म किया है। वहीं मिली खबर के मुताबिक दाती को जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है, लेकिन फिलहाल वो फरार है। आज हम आपको दाती महाराज के बारे में कई रोचक बातें बताएंगे, जिनें जान आप हैरान रह जाएंगे।

चाय की दुकान से आलीशान जिंदगी तक का सफर

दाती महाराज उर्फ मदनलाल ने कुछ ही सालों में चाय की दुकान से कदम आगे बढ़ाते हुए आलीशान जिंदगी तक का सफर तय किया। वो जब 7 साल का था तो उनके मां और पिताजी का देहांत हो गया, जिसेक बाद वो दो वक्त की रोटी की तलाश में राजस्थान से दिल्ली आ गया। लेकिन जब कहीं काम नहीं मिला तो दिल्ली के फतेहपुरबेरी में मदनलाल पंडित नाम से चाय की दुकान चलाने लगा। वहीं कुछ समय बाद दाती ने पटरी पर बल्ली और शटरिंग की दुकान खोली और साथ ही ईट-बालू का काम भी किया। इसके बाद उसने कैटरिंग का काम शुरू किया, लेकिन शायद किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था। वहीं इसके बाद उसकी मुलाकात 1996 में राजस्थान के एक नामी ज्योतिषी से हुई। इनके साथ दाती ने हाथ देखना और जन्मकुंडली देखने का काम सीखा। इसके बाद इस काम को उसने अपना पेशा बना लिया।

काम बदलते ही बदल लिया नाम

मदन लाल ने जैसे ही ज्योतिषी का काम सीखा, वैसे ही वो जान गया था कि इसमें काफी पैसा है। इसके बाद उसने अपने कैटिरिंग का काम बंद करके दिल्ली की कैलाश कॉलोनी में ज्योतिष केंद्र खोल लिया। इसके बाद उसकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई और उसने अपना नाम मदनलाल से बदलकर दाती महाराज रख लिया।

जमीनों पर किया कब्जा

जब ज्योतिषी का काम दाती को भाया तो उसने फतेहपुरबेरी गांव में अपना ज्योतिषी केंद्र खोला और बाद में इसी जमीन पर उसने शनिधाम मंदिर बना दिया। वहीं कुछ सालों बाद ही आसपास की जमीन पर कब्जा कर दाती ने ट्रस्ट और आश्रम बना दिए। वहीं चेलों और भक्तों की संख्या में बढ़ोतरी होती चली गई।

पिता बजाते थे ढोलक, लेकिन दाती ने किया राज

मिली जानकारी के मुताबिक दाती के पिता देवाराम अपना पुश्तैनी काम ढोलक बजाना किया करते थे। वो मेघवाल समुदाय कार्यक्रमों में ढोलक बजाते थे और बड़ी ही कठिनाईयों के साथ अपना गुजारा करते थे, लेकिन दाती ने ज्योतिषी का काम सीखकर अपनी दुनिया ही बदल दी।

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