पटना। बिहार में कानून व्यवस्था चौपट हो गई है। अपराधी बेलगाम हैं। राज्य में दुष्कर्म, बलात्कार और अत्याचार हर रोज बढ़ते ही जा रहे हैं। सरकार इन अपराधों को रोक पाने में असमर्थ है। यह ट्वीट करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राज्यपाल महोदय से यह मांग की है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करें।
चूंकि यह खुद गवर्नर ने माना है तो उनसे नेता विपक्ष का गुहार लगाने का हक तो बनता है।
अभी हाल ही में बिहार में कई ऐसे घटनायें सामने आई हैं जिन पर सरकार की किरकिरी हुई है। शरारती तत्व कभी किसी लड़की के साथ छेड़छाड़ करते हुए वीडियो बनाकर उसे वायरल करते हैं तो कभी कोई शख्स आसमान में हथियार लहराते हुए फायरिंग करते हुए निकल जाते हैं। कहीं पर धमकी देकर अवैध वसूली करते हैं तो कभी सरेआम लूट और हत्या की वारदातें सामने आती हैं।
इसके अलावा बिहार में कानून व्यवस्था का आलम यह है कि ट्रेनों में रात को कोई अपने परिवार के साथ सफर करना भी उचित नहीं समझता है। रात को अगर आप नींद में हैं या फिर जाग ही रहे हैं औऱ आपके साथ आपकी पत्नी या बेटी हैं तो यह समझ लीजिये कि आप बच गए तो बहुत भाग्यशाली हो सकते हैं। वर्ना आपके साथ कोई न कोई हादसा होने की संभावना बनी रहती है।
बिहार के मुख्यमंत्री राज्य में सुशासन का दावा करते हैं, लेकिन गवर्नर की तरफ से अगर यह सवाल उठाया गया है तो उसमें बिल्कुल सच्चाई है।
गौरतलब है कि राज्य में सरकार बदल गई, लेकिन मुखिया नहीं बदले हैं। नीतीश कुमार जब महागठबंधन में थे तब भी मुख्यमंत्री थे और आज जब भाजपा के साथ हैं तो तब भी वे ही मुख्यमंत्री हैं। उन्हें लोग सुशासन बाबू के नाम से जानते हैं। और लोगों को पहले यह कहते हुए सुना जाता था कि नीतीश राज में बड़ी शांति है। लेकिन जैसे ही वे भाजपा के साथ गए, तो बिहार में फिर से जंगल राज आ गया।