किसान हाड़ तोड़ मेहनत कर के फसल पैदा करता है उसी को बेच कर बच्चों की पढ़ाई दवा और अपने सब जरूरी काम करता है। सरकार इनके अनाज को ख़रीदने का दावा भी करती है और अपने मातहतों को निर्देश देती है कि किसानों का अनाज हर हाल में खरीदा जाए,लेकिन देवरिया में सरकार के दावों की पोल खोलते नजर आए उनके मातहत ।
यूपी के देवरिया जिले के रुदपुर का धर्मपुर छपरा गांव में बारिश से भींगे गेंहू, सड़ रहे अनाज, कीड़े पड़ चुके बोरे वयान कर रहे है कि यहाँ का किसान महीनों से अपने गेंहू को लेकर अपनी बारी का इंतजार कर रहा है लेकिन अब तक उसके गेंहू की खरीद नहीं होने से किसान अब मायूस हो गया है और सरकार को कोस रहा है। सैकड़ो गेंहू से भरे बोरे बरसात के पानी से सड़ चुके है। किसान अपने गेंहू की खरीद के लिए लगभग एक महीने से अपनी बारी आने का इतंजार कर रहे है। इस बाबत पीड़ित किसानों का कहना था कि हम यहाँ तेईस दिनों से है, पहले कुछ दिन गेंहू की ख़रीदारी हुई। कुछ लोगों को रसीद भी नहीं दिया गया है। सचिव ने सत्तर रुपये अतिरिक्त मांगकर गेंहू लाने को कहा था,लेकिन आज तक न सचिव दिखाई दिए और न ही आये। हम लोग यहाँ अपने अनाज की रखवाली कर रहे है, यहाँ रोज बारिश हो रही है। हमारा अनाज जमीन पर पड़ा हुआ है, बोरे सड़ रहे है यह प्रशासन की लापरवाही है। इस अनाज को अब हम सस्ते रूप से बेचेंगे ।
इस बाबत अपर जिलाधिकारी का कहना था कि शिकायत मिली है डिप्टी आरएमओ और पीसीएफ से ज्वाइंट जाँच कराइ जा रही है, रिपोर्ट आने के बाद उनके निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। अन्य क्रय केन्द्रों पर खरीदारी न होने पर कहना था कि अभी ऐसी कोई और सूचना नहीं मिली है।
अब सवाल यह उठता हैं कि किसानो को अन्न का देवता कहने वाली यह सरकार कहॉं पर है जब पीड़ित किसान अपने ही अनाज को आज सड़ते और बर्बाद होते हुए देख रहे है और उनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। ऐसे में कब जाँच होगी और कब किसानों का अनाज का पैसा उन्हें मिलेगा यह एक बड़ा सवाल है ।
[हिन्द न्यूज टीवी के लिए देवरिया से धनश्याम मिश्रा]