लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिलने का अभियान शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव का यह अभियान 2019 के महाअभियान का हिस्सा माना जा रहा है।
बता दें, अखिलेश यादव गुरुवार को प्रेस से बात करते हुए कहा अपने ऊपर लगे हुए आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि सरकार अगर बिल दे दे तो हम सारा भुगतान करने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह कहा कि वे खुद कन्नौज और उनके पिता मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, उन्होंने यह भी ऐलान कर दिया कि डिंपल यादव अब चुनाव नहीं लड़ेंगी। वे अब केवल पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगी।
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने कल ही पार्टी कार्यकर्ताओं से नियमित रूप से मिलने का अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए यह हमारी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। ग़रीब, दलित, किसान, मज़दूर, महिला, युवाओं, अल्पसंख्यकों का मान बढ़ाने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है।
गौरलतब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अखिलेश यादव समेत प्रदेश के पांच और पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करना पड़ा है। नारायण दत्त तिवारी को छोड़कर सभी लोगों ने अपना बंगला खाली कर दिया है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा अखिलेश यादव के बंगले को लेकर की जा रही है। बताया जा रहा है कि बंगला खाली करते समय अखिलेश यादव अपने बंगले में काफी तोड़फोड़ की और काफी सामान उठा ले गए। जिसकी वीडियोग्राफी करवाकर वायरल किया जा रहा है और इस पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश के राज्यपाल रामनाइक ने जांच कराने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है।
लेकिन अखिलेश यादव ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि जो हम बंगले से केवल वही सामान ले गए हैं जो हमारा था। हम उस बंगले से कोई भी सरकारी सामान नहीं ले गए हैं। लेकिन भाजपा के प्रवक्ता अखिलेश की बात को मानने को तैयार नहीं हैं और वे कह रहे हैं कि दीवार में क्या रखा गया था जो आपने दीवार तोड़वा दी।