सहारनपुर की एक उपभोक्ता अदालत ने टिकट पर गलत तारीख लिखने के लिए रेलवे पर जुर्माना लगाया है और यात्री को मुआवजा देने का आदेश दिया। विष्णु कांत शुक्ला 2013 में ट्रेन से सफर कर रहे थे, लेकिन उनके टिकट पर 2013 की जगह पर 1000 साल आगे की डेट लिखी थी। शुक्ला को टीसी ने गलत टिकट होने के कारण सीट से उतार दिया गया। इस मामले में उपभोक्ता अदालत ने बुजुर्ग यात्री को मुआवजा देने का फैसला दिया है।
मीडिया से बात करते हुए प्रफेसर शुक्ला ने बताया,”मैं सहारनपुर के जेवी जैन डिग्री कॉलेज से हिंदी विभागाध्यक्ष के पद से रिटायर हुआ हूं। संक्षिप्त में, मैं ऐसा इंसान नहीं हूं जो फर्जी टिकट लेकर यात्रा करे। लेकिन वहां पर मौजूद टीटी ने मुझे सबके सामने अपमानित किया। उसने मुझसे 800 रुपये का जुर्माना भी वसूला, इसके बाद उसने मुझे ट्रेन से नीचे भी उतार दिया। ये मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण यात्रा थी, क्योंकि मैं अपने मित्र से मिलने जा रहा था, जिनकी पत्नी का निधन हो गया था।” अपने घर सहारनपुर लौटने के बाद, प्रोफेसर शुक्ल ने रेलवे के खिलाफ उपभोक्ता कोर्ट में मामला दाखिल कर दिया। मामले की सुनवाई पांच साल तक चली। मंगलवार को न्यायालय ने प्रोफेसर शुक्ल के पक्ष में फैसला सुनाया। न्यायालय ने रेलवे को 10,000 रुपये जुर्माना प्रोफेसर शुक्ल को देने का हुक्म दिया। वहीं मानसिक उत्पीड़न के लिए भी अतिरिक्त 3000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।